यूपी चुनाव: कैराना से नाहिद हसन को टिकट देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, सपा की मान्यता खत्म करने की मांग

By विनीत कुमार | Published: January 17, 2022 02:55 PM2022-01-17T14:55:04+5:302022-01-17T15:09:11+5:30

भाजपा के अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग के साथ याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने कैराना से गैंगस्टर नाहिद हसन को टिकट दिया है लेकिन उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी गई है।

UP Elections 2022: Petition in Supreme Court for De-recognition of Samajwadi Party | यूपी चुनाव: कैराना से नाहिद हसन को टिकट देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, सपा की मान्यता खत्म करने की मांग

सपा की मान्यता खत्म करने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका (फाइल फोटो)

Highlightsभाजपा के अश्विनी उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दी गई है याचिका।याचिका के अनुसार 'गैंगस्टर' को टिकट देकर अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना की है।दावा है कि नाहिद हसन के क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी पार्टी ने अपने वेबसाइट पर जारी नहीं किया है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में कैराना से नाहिद हसन को समाजवादी पार्टी की ओर से टिकट दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। ये याचिका भाजपा के अश्विनी उपाध्याय की ओर से डाली गई है। याचिका में कहा गया है कि एक 'गैंगस्टर' को टिकट देकर अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना की है और इसलिए समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए।

उपध्याय ने दावा किया है कि नाहिद हसन के क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी सपा ने अपने वेबसाइट पर जारी नहीं किया है। साथ ही न ही इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया या सोशल मीडिया में कोई जानकारी दी गई।'

नाहिद हसन 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले हफ्ते नाहिद हसन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शनिवार को एक विशेष अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

पुलिस ने हसन के खिलाफ सख्त गैंगस्टर कानून लागू किया था। विधायक को शामली जिले के कैराना में एक विशेष सांसद/विधायक अदालत में पेश किया गया जहां न्यायाधीश सुबोध सिंह ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

कैराना थाने के प्रभारी अनिल कापरवन ने कहा था कि हसन समेत 40 लोगों के खिलाफ पिछले साल मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि अधिकतर आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे लेकिन हसन अदालत में आत्मसमर्पण करने में विफल रहे थे, जिसके बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी पिछले हफ्ते कोरोना गाइडलाइन के चुनाव आयोग के उल्लंघन को लेकर भी विवादों में आई थी। पार्टी की वर्चुअल रैली में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे जबकि आयोग ने कोरोना के खतरे को देखते हुए रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगाई है।

इस बीच अखिलेश यादव ने सोमवार को अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी पर आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन का मजाक उड़ाने आरोप लगाया। उन्होंने एक वीडियो साथ ट्वीट कर ये आरोप लगाया। 

Web Title: UP Elections 2022: Petition in Supreme Court for De-recognition of Samajwadi Party

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