यूपी चुनाव: दिव्यांग ने भाजपा के पक्ष में जबरन वोटिंग का आरोप लगाया, अखिलेश ने एसडीएम को सस्पेंड करने की मांग की

By विशाल कुमार | Updated: February 7, 2022 17:43 IST2022-02-07T15:32:26+5:302022-02-07T17:43:53+5:30

एक विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि आगरा के फतेहाबाद में रविवाकर को उसे जबरन भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर किया गया जबकि वह किसी दूसरे दल को वोट देना चाहता था।

up election specially-abled person sdm forced voting to bjp akhilesh yadav | यूपी चुनाव: दिव्यांग ने भाजपा के पक्ष में जबरन वोटिंग का आरोप लगाया, अखिलेश ने एसडीएम को सस्पेंड करने की मांग की

यूपी चुनाव: दिव्यांग ने भाजपा के पक्ष में जबरन वोटिंग का आरोप लगाया, अखिलेश ने एसडीएम को सस्पेंड करने की मांग की

Highlights विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसे जबरन भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर किया गया।विशेष रूप से सक्षम और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के वोट डालने की प्रक्रिया रविवार को आगरा से शुरू हो गई।एसडीएम को मतदाताओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एक वोट से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज चुनाव आयोग से उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया जिसने कथित तौर पर लोगों से अपना वोट बदलने के लिए कहा।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति ने आरोप लगाया कि आगरा के फतेहाबाद में रविवार को उसे जबरन भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर किया गया जबकि वह किसी दूसरे दल को वोट देना चाहता था।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में विशेष रूप से सक्षम और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के वोट डालने की प्रक्रिया रविवार को आगरा से शुरू हो गई। यह मतदान पोस्टल बैलट पेपर्स के माध्यम से हो रहा है।

कथित तौर पर जबरन वोटिंग डलवाने को लेकर स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया।

अखिलेश यादव द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में, एसडीएम को मतदाताओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एक वोट से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

यादव ने इसे गंभीर मामला बताते हुए चुनाव आयोग से ऐसे अधिकारियों की पहचान करने और उन्हें निलंबित करने का अनुरोध किया।

यादव ने ट्वीट कर कहा कि बैलेट से वोट डलवाने में धांधली के मामले में एक प्रशासनिक अधिकारी का सरेआम ये कहना कि “एक वोट से कुछ होता है क्या” बेहद गंभीर मामला है। चुनाव आयोग से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर के तुरंत सस्पेंड किया जाए।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू हो रहा है और इसके नतीजे चार अन्य राज्यों के  साथ 10 मार्च को आएंगे।

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