यूपी चुनाव: 'जयंत चौधरी जिंदाबाद' के नारे लगाने के आरोप में छह कांस्टेबलों को नोटिस
By विशाल कुमार | Published: February 6, 2022 12:50 PM2022-02-06T12:50:33+5:302022-02-06T12:53:58+5:30
कांस्टेबलों का कहना है कि वे देशभक्ति पर नाच रहे थे और जयंत चौधरी उपनाम वाले अपने दोस्त के लिए जश्न मना रहे थे जिसे गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र दिया गया था। उनका कहना है कि वे उसी नाम वाले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के लिए जश्न नहीं मना रहे थे।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के रामपुर जेल में तैनात छह कांस्टेबलों को कथित तौर पर एक वायरल वीडियो में देशभक्ति गाने पर नाचने के दौरान जयंत चौधरी जिंदाबार नारे लगाने और जश्न मनाने के आरोप में नोटिस दिया गया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने कहा कि छह पुलिसकर्मियों से जवाब मांगा जा रहा है और तथ्यों की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जेल महानिरीक्षक को एक रिपोर्ट दी जाएगी।
हालांकि, कांस्टेबलों का कहना है कि वे देशभक्ति पर नाच रहे थे और जयंत चौधरी उपनाम वाले अपने दोस्त के लिए जश्न मना रहे थे जिसे गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र दिया गया था। उनका कहना है कि वे उसी नाम वाले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के लिए जश्न नहीं मना रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे मित्र को प्रशस्ति पत्र मिलने के बाद हम बहुत खुश हुए और हम देशभक्ति के गीतों की धुन पर नाचने लगे। हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि कोई इसका वीडियो बनाकर गलत जानकारी के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा।
जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने कहा कि रामपुर एसओ से एक पत्र मिलने के बाद हमने वायरल वीडियो पर छह पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया है जिसमें वे एक राजनीतिक नेता का नाम 'नारा' लगाते नजर आ रहे हैं। यह अनुशासनात्मक है।
28 जनवरी को वीडियो को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि 'पश्चिमी यूपी का मिजाज बदल रहा है' और मेरठ में पुलिसकर्मी भी रालोद नेता जयंत चौधरी की प्रशंसा कर रहे हैं।
हालांकि, मेरठ पुलिस ने बाद में साफ किया था कि वीडियो रामपुर जिले में रिकॉर्ड किया गया था।