आगरा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी के जाट मतदाताओं को रिझाने में दिन-रात एक किये बीजेपी के सामने राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी सबसे बड़ी परेशानी के तौर पर पेश आ रहे हैं।
पहले तो बीजेपी ने इशारे-इशारे में जयंत को अपने पाले में आने का निमंत्रण दिया लेकिन जब जयंत चौधरी ने यह कह कर, 'वो चवन्नी नहीं हैं जो पलट जाएंगे' पूरे मामले पर मिट्टी डाल दी तो अब बीजेपी ने उनके खिलाफ हमलावर रूख आपनाना शुरू कर दिया है।
यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के आगरा पहुंचे यूपी बीजेपी के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जयंत चौधरी पर व्यग्य कसते हुए उन्हें उनके इतिहास के बारे में बता दिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जयंत चौधरी के 'चवन्नी' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह एक बच्चा हैं, अभी-अभी अखाड़े में आये हैं। उनके पिता ने कई बार पार्टियां बदलीं और और पहली बार जीतने पर वे किसके सहयोगी थे? उन्हें नहीं पता था कि उनके इतिहास का ज्ञान कमजोर है।
अब जब जयंत चौधरी ने अपने बयान से स्थिति साफ कर दी है कि वो किस पाले में हैं तो बीजेपी भी रूख बदलते हुए जयंत चौधरी पर हमलावर हो गई है। यही कारण है कि धर्मेद्र प्रधान अपने बयान से जयंत चौधरी को इस बात का एहसास दिला रहे हैं कि चौधरी अजीत सिंह के दौर में भाजपा और लोकदल के बीत पहले गठबंधन हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री प्रधान का आशय यह है कि भाजपा के सहयोग के कारण उस वक्त आरएलडी के खाते में पांच सीटें आयी थीं और जब बीजेपी से आरएलडी अलग हो गई थी तब पश्चिमी यूपी में वो चारों खाने चित हो गई थी।
मालूम हो कि बीते दिनों पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों को साधने के लिए दिल्ली में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर एक मीटिंग हुई थी। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जाट नेताओं के साथ मुलाकात थी। उस मुलाकात के बाद प्रेवश वर्मा ने कहा था कि भाजपा के दरवाजे जयंत चौधरी के लिए हमेशा खुले हैं, यह बात और है कि इस वक्त वो गलत रास्ते पर जा रहे हैं।
वहीं अमित शाह ने बीते दिनों पश्चिमी यूपी में अपना धुआंधार दौरा किया था और उन्होंने सहारनपुर में जयंत चौधरी पर निशाना साधते हुए चुनावी रैली में कहा था कि चुनाव के बाद अगर यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो जयंत चौधरी गायब हो जाएंगे और उनकी जगह आजम खान ले लेंगे।