उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आखिरी समय में बिहार के अपने सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड को भारी गच्चा दे दिया है।
यूपी चुनाव में सीट की आस लगाये बैठी जेडीयू को उस समय भारी निराशा हाथ लगी जब केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो-टूक कह दिया कि वो अन्य दलों के साथ गठबंधन में सीटों का बटवारा कर चुके हैं, ऐसी हालत में भाजपा गठबंधन में जेडीयू के लिए कोई स्कोप नहीं बचा है।
वहीं इस बात से खफा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी के द्वारा पार्टी के गठबंधन प्रस्ताव को ठुकराये जाने के बाद ललन सिंह ने इसका ठीकरा आरसीपी सिंह पर फोड़ते हुए कहा कि हमने आरसीपी सिंह की बातों पर भरोसा किया लेकिन पार्टी के हाथ निराशा लगी।
इतना ही नहीं ललन सिंह ने गठबंधन नही हो पाने की वजह जानने के लिए आधिकारिक तौर पर केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से बाकायदा जवाब भी मांगा है।
बीजेपी के बर्ताव से आहत ललन सिंह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने पार्टी तोड़कर गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया था। यूपी चुनाव में बीजेपी के साथ नहीं देने से जेडीयू पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। पार्टी अपने दम पर चुनाव में उतरेगी और जीत हासिल करेगी।
टिकट समझौता न होने से तिलमिलाये ललन सिंह बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को एक बार फिर छेड़ दिया। उन्होंने कहा कि हम तो देश के प्रधान यानी प्रधानमंत्री से मांग कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। यह मांग हम प्रधानमंत्री से है, बीजेपी से नहीं।
ललन सिंह ने कहा कि बिहार के सभी दलों ने विधानमंडल में इस प्रस्ताव का एक स्वर से समर्थन किया था लेकिन अब अगर बिहार बीजेपी को लगता है कि विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं तो वह साफ कहें कि बिहार को इसकी जरूरत नहीं है।
यूपी चुनाव में गठबंधन फेल होने के बाद अब जेडीयू ने 'एकला चलो' का रास्ता अख्तियार कर लिया है। ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी से उम्मीद करना बेकार है। हमने 26 सीटों की लिस्ट जारी कर दी है जल्द ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी जाएगी।