यूपी: कांग्रेस नेता निर्मल खत्री चले आलाकमान से अलग राह, जाएंगे राम मंदिर समारोह में, बोले- 'राम भक्त होना पाप नहीं है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 17, 2024 10:11 AM2024-01-17T10:11:48+5:302024-01-17T10:16:05+5:30
यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख निर्मल खत्री ने राम मंदिर समारोह में हिस्सा लेने का ऐलान करते हुए कहा कि भगवान राम का भक्त होना कोई पाप नहीं है।
अयोध्या: कांग्रेस हाईकमान द्वारा अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकराने के कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख निर्मल खत्री ने हाईकमान से इतर अपनी अलग राह चुन ली है।
जी हां, फैजाबाद से लोकसभा के सांसद रहे निर्मल खत्री ने कहा कि उन्होंने राम भक्त होने के नाते 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के समारोह कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही निर्मल खत्री ने पार्टी के रूख से अलग होने की बात पर कहा कि भगवान राम का भक्त होना कोई पाप नहीं है।
कांग्रेस नेता खत्री ने कहा, ''अयोध्या में 22 तारीख को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के संबंध में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिले व्यक्तिगत निमंत्रण का मैं सम्मान करता हूं, इसलिए मैं राम मंदिर समारोह कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा।"
खत्री ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए तर्क दिया, "राम का भक्त होना कोई पाप नहीं है, मुझे राम की भक्ति पर गर्व है।"
फैजाबाद के पूर्व सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से नेताओं को मंदिर में जाने से रोकने का कोई आदेश नहीं है और पार्टी के केवल शीर्ष नेताओं ने निमंत्रण को अस्वीकारा है।
निर्मल खत्री ने यह भी तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भी अपने कार्यकर्ताओं को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को चिह्नित करने के लिए अयोध्या मंदिर का दौरा करने और सरयू नदी में डुबकी लगाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई निर्देश नहीं है कि कोई भी कांग्रेसी 22 तारीख को इस कार्यक्रम में भाग न ले। हमारे शीर्ष नेताओं ने ही 22 तारीख के कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जताई है। इसलिए मैं 22 तारीख को निमंत्रण स्वीकार करता हूं और इसमें भाग लूंगा। प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भी अयोध्या यात्रा करके 22 तारीख के निमंत्रण को स्वीकार करने और हर कीमत पर सरयू में डुबकी लगाने के लिए प्रेरित किया है।''
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि किसी भी पार्टी या संगठन की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई किसी प्रतिक्रिया से नहीं बल्कि वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही की जा सकती है।
उन्होंने कहा, "वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही हम अपने प्रतिद्वंद्वी से लड़ पाएंगे, जिस पर पार्टी की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।"
निर्मल खत्री ने अपने पार्टी सहयोगियों से वैचारिक आधार पर पार्टी को मजबूत करने पर काम करने का आग्रह किया, जिससे जनता के मन को प्रभावित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं से अनुरोध करता हूं कि हमें घटनाओं की राजनीति को छोड़कर अपने संगठन को मजबूत करके वैचारिक धरातल पर अपने विरोधियों को परास्त करना चाहिए और इसके माध्यम से हम जनमानस को प्रभावित करेंगे। यह हम अपनी भावनाओं को फैलाकर ही कर सकते हैं।"
भगवान राम में अपनी आस्था के बारे में बोलते हुए खत्री ने कहा, ''रामकथा के पहले रचयिता वाल्मिकी ने लिखा है, ''रामो विग्रहवान धर्म'' जिसका मतलब है कि राम ही धर्म हैं और धर्म ही राम हैं। इसका मतलब है कि राम जो भी करते हैं वह धर्म बन जाता है और धर्म की व्याख्या करते हैं।"