लखनऊ: यूपी की दो विधानसभा सीटों छानबे और स्वार पर हो रहा उपचुनाव बेहद रोचक हो गया। इन दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्यशियों का मुकाबला अपना दल (एस) के उम्मीवारों से हो रहा है। अपना दल (एस) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोगी दल है, इसलिए दोनों ही सीटों पर अब योगी सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई।
मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट से बीते विधानसभा चुनाव में राहुल कोल ने जीत दर्ज की थी। उनका निधन हो जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। अपना दल (एस) ने इस सीट पर दिवंगत राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल उम्मीदवार बनाया है। जबकि सपा ने कीर्ति कोल को चुनाव मैदान में उतारा है। कीर्ति के पिता भाई लाल कोल छानबे विधानसभा सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। वहीं रिंकी सिंह के ससुर पकौड़ी कोल वर्तमान में मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। ऐसे में अब इस सीट पर योगी सरकार के कामकाज को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है। आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर जातीय जनगणना का मुददा भी उठ गया है। जिसके चलते अपना दल (एस) के नेताओं को क्षेत्र में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है और पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए सीएम योगी के सभा करने की मांग पार्टी नेता कर रहे हैं।
इसी प्रकार स्वार विधानसभा सीट पर भी अपना दल (एस) के प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। शफीक अहमद अंसारी स्वार में पूर्व चेयरपर्सन भी रह चुके हैं। स्वार सीट सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को अयोग्य ठहराए जाने की वजह से खाली हुई है। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट से सपा अनुराधा चौहान को चुनाव लड़ा रही है। अनुराधा जिला पंचायत सदस्य है और वह सावक गाँव की ग्राम प्रधान भी रही हैं। स्वार विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य सीट है। यहां पर 61% वोट मुस्लिमों के हैं। हिंदुओं के 39% हिंदू वोट हैं। इस सीट पर आजम खान के समर्थक अतीक अहमद की हत्या पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इन लोगों का यह भी कहना है कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को अयोग्य ठहरा कर उसका राजनीतिक भविष्य खत्म किया गया है। सरकार के इस अन्याय का जवाब दिया जाएगा। फिलहाल इन दोनों ही सीटों पर अभी योगी सरकार के खिलाफ माहौल है, अब देखना यह है कि योगी सरकार इसे अपने पक्ष में कैसे करती है। इन दोनों सीटों पर 10 मई को मतदान होगा जबकि मतगणना 13 मई को की जाएगी।