यूपी बोर्ड ने 100 साल के इतिहास में पहली बार इतनी जल्दी जारी किए नजीजे, देखें 10वीं-12वीं के टॉपर्स की लिस्ट
By अनिल शर्मा | Published: April 25, 2023 03:45 PM2023-04-25T15:45:05+5:302023-04-25T16:21:52+5:30
माध्यमिक शिक्षा परिषद का गठन साल 1921 में हुआ था। पहली परीक्षा 1923 में कराई गई। शिक्षा निदेशक की मानें तो इससे पहले बोर्ड ने कभी इतनी जल्दी 25 अप्रैल को परिणाम जारी नहीं किए।
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 2023 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के नतीजे मंगलवार 25 अप्रैल को जारी कर दिए गए। पिछले 100 सालों के इतिहास में यह पहली बार है जब परिणाम इतनी जल्दी घोषित किए गए। शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि पिछले 100 वर्षों के इतिहास में सबसे पहले 25 अप्रैल, 2023 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि शीर्ष 10 की सूची 179 विद्यार्थियों ने जगह बनाई है।
दुनिया के सबसे बड़े परीक्षा निकायों में से एक माने जानेवाले माध्यमिक शिक्षा परिषद का गठन साल 1921 में हुआ था। पहली परीक्षा 1923 में कराई गई। यूपी बोर्ड की 1923 में पहली परीक्षा में 5,655 हाई स्कूल सहित केवल 5,744 छात्र थे। और अन्य 89 मध्यवर्ती उम्मीदवार थे। 1923 में, यूपी बोर्ड ने हाई स्कूल के लिए सिर्फ 179 केंद्रों और इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए एक केंद्र के माध्यम से अपनी परीक्षा आयोजित की थी।
शिक्षा निदेशक की मानें तो इससे पहले बोर्ड ने कभी इतनी जल्दी 25 अप्रैल को परिणाम जारी नहीं किए। इससे पहले साल 2019 में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम 27 अप्रैल को जारी किए गए थे। यही नहीं, पिछले 30 वर्षों में यह पहला अवसर है कि न तो कोई प्रश्न पत्र लीक हुआ और न ही प्रश्न पत्रों का कोई गलत बंडल खुला जिसके परिणामस्वरूप पुनः परीक्षा नहीं करानी पड़ी।
डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इस वर्ष की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 8753 परीक्षा केंद्रों के लगभग 1.43 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में तीन लाख से अधिक वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जिससे कि नकल विहीन परीक्षा सुनिश्चित हो सके।
गौरतलब है कि इस बार भी परीक्षाओं में लड़कियों ने बाजी मारी है। हाईस्कूल परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली बालिकाओं का प्रतिशत 93.34 रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 86.64 रहा। वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षा में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 69.34 रहा, जबकि बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 83 रहा। हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 28,63,621 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें 25,70,987 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 25,71,002 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें से कुल 19,41,717 परीक्षार्थी यानी 75.52 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए।
10वीं के शीर्ष विद्यार्थियों की सूची
हाईस्कूल की परीक्षा में सीतापुर जिले की प्रियांशी सोनी 98.33 प्रतिशत अंक प्राप्त कर शीर्ष पायदान पर रही, जबकि कानपुर देहात के कुशाग्र पांडेय और अयोध्या की मिश्कत नूर दोनों ही 97.83 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे पायदान पर रहे। शीर्ष 10 विद्यार्थियों की सूची में मथुरा के कृष्ण झा, पीलीभीत के अर्पित गंगवार और सुल्तानपुर की श्रेयशी सिंह 97.67 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर रहे। वहीं, अयोध्या के आंशिक दुबे, अंबेडकर नगर के सक्षम तिवारी, जौनपुर के पीयूष सिंह, वाराणसी के नमन गुप्ता और सिद्धार्थ नगर की शुभ्रा मिश्रा 97.50 प्रतिशत अंक के साथ चौथे पायदान पर रहे। 97.33 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सात विद्यार्थियों ने पांचवें पायदान पर जगह बनाई। इनमें बरेली के क्षितिज सक्सेना, उन्नाव की आस्था मिश्रा, कानपुर नगर की अंशिका दीक्षित, प्रतापगढ़ की श्रीयम त्रिपाठी, अंबेडकर नगर की श्रेया मिश्रा, आजमगढ़ की मुस्कान भारती और वाराणसी की अर्चना शामिल हैं। निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि शीर्ष 10 की सूची 179 विद्यार्थियों ने जगह बनाई है।
इंटरमीडिएटर के शीर्ष छात्रों की सूची
इसी तरह, इंटरमीडिएट की परीक्षा में महोबा जिले के शुभ छापरा ने 97.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर शीर्ष स्थान हासिल किया। वहीं, पीलीभीत के सौरभ गंगवार और इटावा की अनामिका 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर रहे। सूची के मुताबिक, 97 प्रतिशत अंक के साथ फतेहपुर के प्रियांशु उपाध्याय और खुशी तथा सिद्धार्थ नगर की सुप्रिया तीसरे पायदान पर रहे। इंटरमीडिएट की परीक्षा में शीर्ष 10 की सूची में 253 विद्यार्थियों ने जगह हासिल की।