उप्र बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित, 15 मई तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, 10 जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू

By भाषा | Updated: April 15, 2021 21:42 IST2021-04-15T21:42:05+5:302021-04-15T21:42:05+5:30

UP board examinations postponed, all schools will remain closed till May 15, night curfew applied in 10 districts | उप्र बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित, 15 मई तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, 10 जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू

उप्र बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित, 15 मई तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, 10 जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू

लखनऊ, 15 अप्रैल कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य के 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल आगामी 15 मई तक बंद रखने और उप्र बोर्ड की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगित करने का फैसला किया।

साथ ही दो हजार से ज्यादा उपचाराधीन मामलों वाले 10 जिलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

इन जिलों में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं।

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा रेफर किए गए कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने में टालमटोल करने वाले अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि प्रदेश में 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल 15 मई तक बंद कर दिए गए हैं और इस दौरान कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (उप्र बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 20 मई तक टाल दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया।

अधिकारी ने बताया कि उप्र बोर्ड परीक्षाओं की नई समय सारणी पर मई के पहले हफ्ते में फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले बोर्ड की परीक्षाएं आठ मई से निर्धारित थीं।

प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बुधवार को कहा था, ''हमारी परीक्षाएं 24 अप्रैल से निर्धारित थीं, जिनको हमने कोरोना का संक्रमण देखते हुए आठ मई से निर्धारित किया है। अभी हम प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं। हम सम्यक परीक्षण के बाद इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ बैठने वाले भी थे लेकिन दुर्भाग्य से वह खुद ही कोरोना संक्रमित हो गये।''

उन्होंने कहा, ''हमारे 19 अधिकारी हैं, जो सीधे बोर्ड की परीक्षाओं से जुड़े होते हैं। उनमें से 17 संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। हमारे अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव और निदेशक कोविड-19 संक्रमित हो चुके हैं। उनके स्वस्थ होते ही हम इस संबंध में विचार-विमर्श करने के बाद मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उसके बाद हम आठ मई से होने वाली परीक्षा के संदर्भ में कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे।''

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का प्रयागराज बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक बोर्ड है जिसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लगभग 57 लाख परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।

अधिकारी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दो हजार से ज्यादा उपचाराधीन मामलों वाले 10 जिलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 अस्पतालों द्वारा मरीजों को भर्ती करने में टालमटोल किए जाने की शिकायतों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिलाधिकारियों और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की सिफारिश पर रेफर किए गए मरीजों को भर्ती नहीं करने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से सभी मंडल आयुक्तों, जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी आदेश में विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की जान बचाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और अस्पतालों द्वारा मरीजों को भर्ती करने में टालमटोल करना या उनके इलाज में लापरवाही किया जाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा है कि लखनऊ में टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में क्षमता विस्तार किए जाने की आवश्यकता है। अगले दो दिनों में यहां अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनावों में तैनात कार्मिकों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के आदेश देते हुए कहा इस चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो। मतदान कर्मियों के लिए मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

योगी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की एक बार फिर वापसी होने की संभावना है। ऐसे में सभी जिलों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप पृथक-वास केंद्र संचालित किए जाएं। इन केंद्रों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और सोने आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए और कहा कि मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जाए। हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जिले के किसी भी अस्पताल में इन आवश्यक चीजों का अभाव न हो।

मुख्यमंत्री ने हर जिले में कोविड मरीजों के लिए बिस्तर तथा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने देने के लिए रोजाना इस स्थिति की जनपदवार समीक्षा करने के निर्देश दिए।

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