लखनऊः उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने योगी सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. सोमवार को लखनऊ पहुंचे नंद किशोर ने पार्टी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी द्वारा दिए नोटिस का जवाब भेजे जाने की जानकारी दी. उन्होने का कि मैंने अपने जवाब में यह आरोप लगाया है कि शहर में निकली गई कलश यात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और उनकी हत्या करने की साजिश रची गई थी. विधायक नंद किशोर गुर्जर के इस आरोप से पार्टी के सीनियर नेता भौच्चका हैं.
उन्हें यह उम्मीद नहीं थी, विधायक नंद किशोर गुर्जर अपने जवाब में योगी सरकार के अफसरों पर इस तरह का गंभीर आरोप भी लगा सकते हैं. फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पार्टी विधायक विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा नोटिस के दिए गए जवाब को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.
योगी सरकार पर लगाए थे आरोप
उल्लेखनीय है कि गत 20 अप्रैल को गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में राम कथा से पहले लगभग 11 हज़ार महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर जा रही थीं, जिन्हें पुलिस ने यह कहकर रोक लिया कि आयोजकों ने कलश यात्रा की अनुमति नहीं ली है. पुलिस ने उनके और कुछ समर्थकों के साथ मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें आईं.
विधायक नंद किशोर का कहना है कि उन्होंने कलश यात्रा के लिए लोनी प्रशासन से अनुमति ले ली थी. इसके बाद भी पुलिस ने उपवास में सिर पर कलश रखकर नंगे पैर चल रही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया. तीन मुस्लिम लड़कों ने मुझे पहले ही बता दिया था कि पुलिस ने उनके साथ मिलकर लोनी में सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए छतों से पत्थरबाजी करने की योजना बनाई थी.
पुलिस इसे मुझ पर गोली चलाने का बहाना बनाना चाहती थी. इस मामले को लेकर फटे कपड़ों में ही धरने पर बैठ गए. फिर उन्होने योगी सरकार पर तमाम आरोप लगाए और कहा पुलिस ने उनके कपड़े फाड़ दिए. उन्होने यह भी कहा कि सूबे की योगी सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है.अधिकारियों ने अयोध्या में जमीन लूटी है. और अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह कर रहे हैं.
राम कथा का आयोजन करना अनुशासनहीनता नहीं
विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा योगी सरकार पर लगाए गए इन आरोपों को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अनुशासनहीनता माना और उन्हे नोटिस भेजकर सात दिनों में जवाब देने को कहा. विधायक नन्द किशोर का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को 27 मार्च को अपना जवाब भेज दिया है.
इस जवाब में उन्होंने लिखा है कि लखनऊ में तैनात एक आईपीएस अधिकारी ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था कि स्थानीय पुलिस राम कथा से पहले आयोजित कलश यात्रा के दौरान बाधा उत्पन्न करेगी. पुलिस मुझ पर लाठियां बरसाएगी. यहां तक कि मुझे गोली भी मारी जा सकती है. यहां लखनऊ में सोमवार को नंद किशोर ने यह भी कहा कि 20 मार्च को मैंने रामकथा का आयोजन किया था.
अगर राम कथा का आयोजन करना अनुशासनहीनता है तो राम कथा का आयोजन न करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. तब मैं इस पर विचार करूंगा. मेरा मानना है रामकथा का आयोजन करना अनुशासनहीनता नहीं है. प्रदेश सरकार भी तो रामनवमी को मंदिरों में रामचरित मानस का अखंड पाठ करा रही है. फिलहाल मैंने अपना अपना जवाब भेज दिया है. अभी तक महिलाओं पर लाठीचार्ज के लिए किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए मेरा मानना है कि पार्टी इस पर जरूर विचार करेगी.