UP Assembly Session: यूपी विधानसभा सत्र में भी गूंजा मणिपुर का मुद्दा, अखिलेश यादव ने सीएम योगी से की मांग; बोले- "यह आपके लिए मौका है देश की..."
By अंजली चौहान | Published: August 7, 2023 04:44 PM2023-08-07T16:44:27+5:302023-08-07T16:58:47+5:30
उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन अखिलेश यादव ने मणिपुर मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही सदन में मणिपुर का मुद्दा गूंजा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने विधानसभा में अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उनकी पार्टी को मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के बारे में बोलने की अनुमति दी जाए।
अखिलेश यादव ने कहा, "मणिपुर में जिस तरह से चीजें हुईं, यह एक गंभीर मुद्दा है। लेकिन हम हिंसा पर निंदा प्रस्ताव भी नहीं ला पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और प्रधानमंत्री (एक सांसद के रूप में) इसी राज्य से आते हैं। दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां मणिपुर हिंसा की निंदा न की गई हो. क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस सदन के नेता मणिपुर पर कुछ बोलेंगे।"
हालांकि, अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि जो हुआ हो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मणिपुर मुद्दे के लिए यह मंच नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा का मुद्दा नहीं है।
इसके बाद अखिलेश यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री सीएम योगी की ओर रुख किया और कहा कि यह उनके लिए देश की आवाज बनने का मौका है। सपा नेता ने कहा कि आप किस राज्य में वोट मांगने नहीं जाते? यह आपके लिए देश की आवाज़ बनने का मौका है।
#WATCH | Lucknow, UP: In the State Assembly, Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav says, "There is no place in the world where the Manipur incident hasn't been condemned. In America, the President's office has condemned it...England has condemned it. Can't we expect the flood… pic.twitter.com/2ffivaMcmT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 7, 2023
अखिलेश यादव ने विधानसभा में सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है। मुख्यमंत्री की क्या कुछ मजबूरी है? फिलहाल मणिपुर की घटना ने पूरे देश की महिलाओं के मन में डर पैदा किया है इस डर को निकाला जाना चाहिए।
वहीं, विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि अगर विपक्ष के पास कोई मुद्दा है तो वे हमारे पास आ सकते हैं और सरकार चर्चा करने और बहस करने के लिए तैयार है।
अगर विपक्ष लोगों के हित के लिए सकारात्मक चर्चा चाहता है तो सरकार उनके सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है। सपा के अलावा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने भी मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की है।