UP: हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों की सुरक्षा में तैनात 3 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव, गांव को बनाया जा सकता है कंटेनमेंट जोन
By अनुराग आनंद | Updated: October 1, 2020 11:40 IST2020-10-01T11:40:03+5:302020-10-01T11:40:03+5:30
हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के गांव को जिला प्रशासन की तरफ से कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है।

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उसके परिजनों की सुरक्षा में यूपी पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, परिजनों की सुरक्षा में लगे तीन जवान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
तीन जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद वहां तैनात अन्य सुरक्षा बल के जवानों की भी कोरोना जांच हो सकती है। इसके साथ ही अब इस बात की भी संभावना लगाई जा रही है कि पूरे गांव को ही कंटेनमेंट जोन बनाया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के बाद गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश को और अधिक सख्ती से रोका जाएगा।
बता दें कि हाथरसगैंगरेप मामले के मीडिया में आने के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में प्रदर्शन होने लगे। इसके बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी टीम गठित की है। आज (गुरुवार) यह टीम जांच के लिए गांव पहुंच गई है। मीडिया को गांव में प्रवेश से रोका गया है।
हाथरस की घटना पर राज्य सरकार ने मामले को एसआईटी को सौंप दी है-
इसके साथ ही हाथरस सामूहिक बलात्कार मामले में अपडेट यह है कि यूपी सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी है। लेकिन योगी सरकार पर गंभीर आरोप लर रहे हैं। लड़की के मां-बाप ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। दोषियों को फांसी दी जाए।
इस बीच हाथरस गैंगरेप मामले पर प्रशांत कुमार, एडीजी ( लॉ एंड ऑर्डर ) ने कहा कि कल सुबह पीड़िता की मृत्यु हो गई थी और देर रात पोस्टमार्टम के बाद जब शव पहुंचा तो परिवार वालों की सहमति से और उनकी उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया गया था।
कुछ महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं, परन्तु सत्य यही है कि उनकी उपस्थित से और सहमति से (अंतिम संस्कार) कराया गया था। शांति व्यवस्था के लिए वहां पुलिस उपस्थित थी। डेड बॉडी भी खराब हो रही थी, इसलिए घर के लोगों ने सहमति जताई थी कि रात को ही कर देना उचित होगा।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में भी हाथरस के तरह ही गैंगरेप की घटना-
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था। दिल्ली से लेकर लखनऊ व देश के दूसरे हिस्सों में हाथरस कांड के खिलाफ लोग सड़क पर उतर कर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से एक और दर्दनाक घटना सामने आ रही है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले में अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ दो युवकों ने दुष्कर्म किया और अस्पताल ले जाते समय पीड़िता की मौत हो गई। बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि घटना जिले के गैसड़ी क्षेत्र में हुई जहां 22 वर्षीय दलित लड़की एक निजी कंपनी में काम करती थी।
मंगलवार की शाम जब वह समय पर घर नहीं पहुंची तब उसके माता पिता ने उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने कहा कि लड़की के माता- पिता ने बताया कि लड़की बाद में एक ऑटो रिक्शा से घर पहुंची। वर्मा ने कहा कि लड़की की हालत गंभीर थी और उसके माता पिता उसे अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में लड़की की मौत हो गई।