जम्मू: श्रीनगर में 22 और 23 मई को G-20 की बैठक होगी। 2019 में विशेष संवैधानिक दर्जा (Article 370 ) हटने के बाद कश्मीर में पहली इंटरनेशनल समिट भी होगी। श्रीनगर G-20 प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इस इंटरनेशनल समिट को सफलता पूर्वक संपन्न कराना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। हाल ही में हुए कुछ आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है।
श्रीनगर में जी-20 की बैठक में लगभग 50 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। इनकी सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ शीट के बंकर, मरीन और एनएसजी कमांडो के साथ ही बैठक स्थल पर सादी वर्दी में पुलिस भी तैनात रहेगी। पूरे बैठक स्थल की हाइटेक ड्रोन से निगरानी की जाएगी। कार्यक्रम स्थल के पास खोजी कुत्तों के साथ सीआरपीएफ की टीम भी मौजूद होगी।
डल झील के किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआईसीसी में जी-20 के पर्यटन कार्य समूह का सम्मेलन 22 से 24 मई तक होगा। यह कश्मीर में बीते 37 वर्ष के दौरान होने वाला पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए डल झील में नेवी के मरीन-मार्कोस कमांडो तैनात रहेंगे।
श्रीनगर और आसपास के इलाकों में बैठकों की तैयारी चल रही है। विदेशी प्रतिनिधियों को बारामूला, दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान और गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट के दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर भी ले जाया जाएगा। जम्मू और कश्मीर भी 2023 में 75,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद कर रहा है। फार्मास्युटिकल्स, कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स, मेडिसिटीज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस आदि ने जम्मू-कश्मीर में एन यूनिट्स स्थापित करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
भारतीय सेना की विशेष इकाइयां सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेंगी। ऊंची जगहों और गलियारे की सुरक्षा की जाएगी। पहली बार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में एनएसजी कमांडो का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के साथ ड्रोन हमलों, फिदायीन हमलों, आतंकियों से निपटने, वाहन आधारित आईईडी या किसी भी अप्रिय घटना का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा।