केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- फर्जी खबरें पेड न्यूज से कहीं बड़ी बुराई है
By भाषा | Published: November 16, 2019 07:54 PM2019-11-16T19:54:33+5:302019-11-16T20:02:54+5:30
फर्जी खबरों के सोशल मीडिया पर फैलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ट्वीट हटा लेने के बाद भी वह किसी तरह रह जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रेस की स्वतंत्रता जवाबदेही भरी आजादी हो। हमें जवाबदेही भरी आजादी की जरूरत है। मीडियाकर्मियों को आत्ममंथन करने की जरूरत है। फर्जी खबरों की अधिक टीआरपी होती है।’’
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि फर्जी खबरें ‘‘पेड न्यूज’’ से कहीं बड़ी बुराई है और उन्होंने मीडिया बिरादरी से इससे निपटने के तौर तरीकों के बारे में आत्ममंथन करने की अपील की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने और पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करने के लिए भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में भीड़ द्वारा पीट पीट कर किसी की हत्या करने के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी और सवाल किया कि कैसे ‘बस एक प्रकार की लिंचिंग’ की चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ बच्चा चोरों के बारे फर्जी खबरें फैलीं और उसकी वजह से 20 लोगों की जान चली गयी। जब चर्चा होती है तब बस एक (ही तरह की) लिंचिंग की चर्चा की जा रही है, लेकिन इन 20 लोगों ने भी तो लिंचिंग की वजह से अपनी जान गंवायी है। उसकी तो चर्चा नहीं की जाती।’’
फर्जी खबरों के सोशल मीडिया पर फैलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ट्वीट हटा लेने के बाद भी वह किसी तरह रह जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रेस की स्वतंत्रता जवाबदेही भरी आजादी हो। हमें जवाबदेही भरी आजादी की जरूरत है। मीडियाकर्मियों को आत्ममंथन करने की जरूरत है। फर्जी खबरों की अधिक टीआरपी होती है।’’
जावडेकर ने कहा, ‘‘ इस पर चर्चा होनी चाहिए कि फर्जी खबरों से कैसे निपटा जाए। आप सरकार को सुझाव दे सकते हैं।’’ उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि कैसे ब्रिटिश शासन और 1975 के आपातकाल के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने आपातकाल के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और जेल भी गये थे।