आखिर इतने मदरसे खुले हैं, क्या सरकारी मान्यता प्राप्त हैं और कैसी हो रही पढ़ाई, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा-सर्वे की जरूरत
By एस पी सिन्हा | Published: September 12, 2022 06:59 PM2022-09-12T18:59:35+5:302022-09-12T19:00:49+5:30
कॉमन सिविल कोड पर बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि एक देश-एक कानून की बात अगर की जा रही है तो उसमें किसी को दुख क्यों हो रहा है? क्या एक देश, एक कानून नहीं चलेगा।
पटनाः केन्द्रीय मंत्री व भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिराराज सिंह ने कहा है कि राम, कृष्ण और शिव के बिना भारत की पहचान नहीं हो सकती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सबका साथ सबका विकास का प्रयास कर रहे हैं। यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला किया है।
योगी जी वहां कानून का राज स्थापित कर रहे हैं। सभी बच्चों को ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा मिले इसकी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक और ज्ञान की दृष्टी से बिहार में मदरसों का सर्वे कराने की जरूरत है क्योंकि बिहारबांग्लादेश और नेपाल के बार्डर से सटा हुआ है। उन्होंने कहा कि आखिर इतने मदरसे खुले हैं, क्या वो सरकारी मान्यता प्राप्त हैं?
वहां कैसी पढ़ाई हो रही है? इसकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसी एक वर्ग को सिर्फ वोट बैंक मानती हो तब तो इसकी कोई जरूरत नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ने साफ-साफ कहा कि देश के अंदर कुछ लोग माहौल को खराब करना चाहते हैं। जुलूस पर पत्थर बाजी हो रही है। ज्ञानवापी का मामला देखिए, सर से तन जुदा करने का नारा देखिए। ये सब क्या हो रहा है।
देश में आजादी के समय जब देश का बंटवारा हुआ तो क्या किया गया सबने देखा। अब क्या हाल हो रहा है? देश में बहुसंख्यक समाज का इसको लेकर कोई क्यों नहीं बोलता है? अगर हम बोलते हैं तो फिर गलत अर्थ लगते हैं। ज्ञानवापी मामले पर गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के अंदर कुछ लोग माहौल को खराब करना चाहते हैं।
धर्म के आधार पर हमारे पूर्वजों ने देश का बंटवारा किया। अगर उस समय हमारे पूर्वज आरपार करके बंटवारा किया होता तो आज भारत के अंदर देश विरोधी नारे नहीं लगते। उस समय की गलतियों के कारण आज हिंदू धर्म के रक्षा की बात की जा रही है। ज्ञानवापी भारत के सनातन धर्म का अधिकार है।
वहीं, कॉमन सिविल कोड पर बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि एक देश-एक कानून की बात अगर की जा रही है तो उसमें किसी को दुख क्यों हो रहा है? क्या एक देश, एक कानून नहीं चलेगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश में अल्पसंख्यक की परिभाषा पर पुनर्विचार होना चाहिए।