आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में एक करोड़ मकानों की मांग है और 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।
लोकसभा में पूनम महाजन के प्रश्न के लिखित उत्तर में पुरी ने कहा कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में आवास की मांग संबंधी सर्वेक्षण के मुताबिक करीब एक करोड़ मकानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 81 लाख मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है और जिनमें से 47 लाख से अधिक मकानों का निर्माण जारी है। मंत्री ने कहा कि 2022 तक सभी आवासों के निर्माण को पूरा कर लिया जाएगा।
केन्द्र ने दिल्ली सरकार से 427 मेट्रो फीडर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को शीघ्र मंजूरी देने के लिए कहा
केन्द्र ने दिल्ली सरकार से 427 मेट्रो फीडर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की मंजूरी प्रक्रिया ‘‘तेज’’ करने को कहा। ये बसें राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो से इसके आस-पास के इलाकों के बीच बेहतर संपर्क सुनिश्चित करेंगी।
सूत्रों ने कहा कि केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय कुमार देव को पत्र लिखकर उनसे इस ‘‘महत्वपूर्ण मामले में’’ हस्तक्षेप करने को कहा है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में, मिश्रा ने कहा कि अच्छी फीडर सेवा से मेट्रो रेल जैसी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में सुधार आएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने जानकारी दी है कि उसने जनवरी 2018 में जीएनसीटीडी को 427 इलेक्ट्रानिक बसों की खरीद के लिए वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) उपलब्ध कराने का प्रस्ताव सौंपा था।
मिश्रा ने पत्र में कहा कि डीएमआरसी ने इस मुद्दे को कई मौकों पर राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के सामने उठाया और उन्हें सभी जरूरी स्पष्टीकरण और जानकारियां उपलब्ध कराई गईं। एसटीए और जीएनसीटीडी ने प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे (मुख्य सचिव) इस महत्वपूर्ण मामले में हस्तक्षेप करने तथा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए डीएमआरसी के वीजीएफ प्रस्ताव पर जीएनसीटीडी की मंजूरी तेज करने का आग्रह करता हूं।’’
भाजपा सदस्य ने डाक्टरों की सुरक्षा के लिये एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की
भाजपा सांसद डा. सुभाष राव भामरे ने देश के विभिन्न हिस्सों में डाक्टरों पर होने वाले हमलों का मुद्दा उठाया और सभी राज्यों से चिकित्सकों की सुरक्षा के लिये प्रभावी विधायी प्रावधान करने और एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की।
शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाते हुए डा. सुभाष भामरे ने कहा कि हाल ही में कोलकाता में एक अस्पताल में डाक्टरों पर हमले की घटना सामने आई । ऐसी घटनाएं देश के कई क्षेत्रों में भी सामने आती रही हैं । उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में उन्नति के बावजूद कई चीजें ऐसी हैं जो डाक्टरों के हाथ में नहीं होतीं। कभी ऐसा होता है कि कोई घटना घट जाने पर मरीजों के रिश्तेदार डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हैं। डाक्टरों पर हमले की घटनाएं भी सामने आती हैं ।
भाजपा सांसद ने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि डाक्टर भी मनुष्य ही होते हैं और उनके खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है । उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्न्ता है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डाक्टरों की सुरक्षा के संबंध में पत्र लिखा है । भामरे ने कहा कि 19 राज्यों ने डाक्टरों की सुरक्षा के लिये कुछ विधायी प्रावधान किये हैं और सभी राज्यों को इस तरह के कदम उठाने चाहिए । उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक केंद्रीय कानून भी बनाया जाना चाहिए । भाजपा सदस्य ने इस विषय पर एक अल्पावधि चर्चा कराने की भी मांग की ।