केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दीवाली से ठीक पहले दिल्ली के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार की बुधवार को कैबिनेट की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। इस फैसले से 40 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
साथ ही सरकार ने ईंधन के खुदरा कारोबार को गैर-पेट्रोलियम कंपनियों के लिए भी खोलने का फैसला किया है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि BSNL-MTNL को फिलहाल बंद करने का कोई इरादा नहीं है। जावड़ेकर ने कहा, 'कैबिनेट ने दिल्ली की अनियमित कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक देने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है।'
माना जा रहा है कि दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इस लिहाज से भी ये फैसला अहम साबित हो सकता है। जावड़ेकर ने बताया कि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के संबंध में संसद के अगले सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा।
दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनी हैं। हालांकि, इनमें तीन कॉलोनियां नियमित नहीं होंगी। इसमें सैनिक फार्म, महेंद्रू इन्क्लेव और अनंतराम डेयरी शामिल हैं। शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह एक दूरदर्शी और अभूतपूर्व निर्णय है जिसमें स्वामित्व का अधिकार दिया जा रहा है, चाहे जमीन निजी हो या सरकारी।
BSNL और MTNL बंद नहीं होंगे
इस कैबिनेट बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि बीएसएनएल या एमटीएनएल को बंद नहीं किया जाएगा। इनके पुनरुद्धार को मंजूरी मिल गई है। रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि BSNL और MTNL के विलय को भी सैद्धांतिक मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी गई। रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'एमटीएनएल, बीएसएनएल को न तो बंद किया जा रहा है और न ही विनिवेश किया जा रहा है।'
रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा कि बीएसएनएल, एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिये 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड, 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मौद्रीकरण और कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लायी जाएगी। दूरसंचार मंत्री के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के पुनरुद्धार के लिये एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जायेगा।