कोरोना वायरस के मरीजों पर यूनानी दवाएं भी कारगर; सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है परीक्षण

By भाषा | Updated: February 28, 2021 20:12 IST2021-02-28T20:12:23+5:302021-02-28T20:12:23+5:30

Unani medicines also work on corona virus patients; Trial is going on in Safdarjung Hospital | कोरोना वायरस के मरीजों पर यूनानी दवाएं भी कारगर; सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है परीक्षण

कोरोना वायरस के मरीजों पर यूनानी दवाएं भी कारगर; सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है परीक्षण

(अहमद नोमान)

नयी दिल्ली, 28 फरवरी सदियों से इस्तेमाल होती आ रही यूनानी दवाएं कोरोना वायरस के इलाज में भी कारगर साबित हो रही हैं। नयी दिल्ली के सफरदजंग अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर इन दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है और डॉक्टरों के मुताबिक, अब तक के परिणामों में संक्रमण के लक्षण कम समय में खत्म करने में इन दवाओं के नतीजे 'संतोषजनक’ रहे हैं।

इस परीक्षण के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए इस अस्पताल के कुछ डॉक्टरों व नर्सों ने भी यूनानी दवाइयां ली हैं। यह परीक्षण केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम), सफदरजंग अस्पताल के साथ मिलकर कर रही है।

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक आयुर्विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ''परीक्षण में जिन यूनानी दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है वे सदियों से उपयोग होती आ रही हैं।''

उन्होंने कहा कि यूनानी, सिद्ध और आयुर्वेद में ऐसी दवाएं हैं जो वायरस के कारण होने वाले लक्षणों को ही पनपने नहीं देतीं।

प्रोफेसर किशोर ने बताया, ''ये (दवाएं) आपके इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को ऐसा बना देती हैं कि शरीर में वायरस बढ़ ही नहीं पाता है और अगर वायरस का थोड़ा बहुत असर हुआ भी तो वह मामूली रहेगा और जल्दी खत्म हो जाएगा। ''

उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोगों के मन में यह आशंका रहती है कि यूनानी या आयुर्वेदिक दवाएं उचित परीक्षण के जरिए आई हैं या नहीं और ''इस तरह के परीक्षणों के जरिए लोगों में इन दवाओं को लेकर भरोसा बनेगा।''

अस्पताल में चल रहे परीक्षण के बारे में डॉक्टर किशोर ने बताया कि संक्रमित लोगों को दो समूहों में विभाजित किया गया है। उन्होंने कहा कि एक समूह को सिर्फ एलोपैथिक दवाएं दी जा रही हैं जबकि दूसरे समूह को एलोपैथिक के साथ-साथ यूनानी दवाएं भी दी जा रही हैं।''

उन्होंने कहा कि अब तक करीब 30 मरीजों पर परीक्षण किया गया है और नतीजे संतोषजनक रहे हैं।

डॉक्टर किशोर ने कहा कि सिर्फ एलोपैथिक दवाएं लेने वाले मरीजों की तुलना में यूनानी और एलोपैथिक दवाएं लेने वाले मरीजों में संक्रमण के लक्षण तीन से पांच दिन में खत्म हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

उन्होंने कहा कि यह परीक्षण तीन महीने चलना है जो दिसंबर में शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने की वजह से धीरे-धीरे मरीज कम हो गए और अब मरीज बिल्कुल ही नहीं हैं।

डॉक्टर किशोर ने कहा कि पिछले 10-15 दिन से एक भी मरीज नहीं आया है, इसलिए मरीजों की संख्या पूरी नहीं हो पाई है।

उन्होंने बताया कि परीक्षण के लिए करीब 50 मरीज लेने थे।

डॉ. किशोर ने बताया कि परीक्षण में हल्के और मध्यम स्तर के लक्षण वाले ऐसे मरीजों को शामिल किया गया है, जिनमें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।

उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों पर यह परीक्षण नहीं किया गया है, क्योंकि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का अलग इलाज होता है।

उन्होंने यह नहीं बताया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति की कौन सी दवाएं इस परीक्षण में शामिल की गई हैं। उनका कहना था कि इन दवाओं में इस्तेमाल सामग्री पेटेंट से संबंधित हैं।

वहीं सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को दिन में दो बार जोशांदा का काढ़ा और खमीरा मारवारिद दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जोशांदा संक्रमण के लक्षण को कम करने में मदद करता है जबकि खमीरा मारवारिद वायरस के हमले के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

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Web Title: Unani medicines also work on corona virus patients; Trial is going on in Safdarjung Hospital

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