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माओवादी बच्चों को अगवा कर बना रहे हैं उग्रवादी, ना कहने वाली लड़कियों को देह व्यापारियों को बेच देते हैं: UN रिपोर्ट

By एस पी सिन्हा | Updated: July 6, 2018 20:24 IST

यूनाइटेड नेशन्स की वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. सूबे के नौनिहाल खतरे में हैं. मासूमों को नक्सली उठा कर ले जा रहे हैं.

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रांची,6 जुलाई। झारखंड में नक्सली वर्षों से बच्चों का इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन अब ट्रेंड बदल गया है. कल तक बच्चों से कूरियर और पुलिस की सूचनाएं लेने वाले नक्सली अब बच्चों को हथियारों की ट्रेनिंग दे कर उन्हें खूंखार नक्सली बना रहे हैं. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनाइटेड नेशन्स की वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. सूबे के नौनिहाल खतरे में हैं. मासूमों को नक्सली उठा कर ले जा रहे हैं.

नक्सली उन्हें अपने दस्ते में शामिल कर खूंखार नक्सली बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. ये बातें यूनाइटेड नेशन्स ने अपनी रिपोर्ट में कही है.

रिपोर्ट में झारखंड और छत्तीसगढ में मासूम बचपन पर नक्सली साये को लेकर कई बातें कही गई हैं और चिंता जाहिर की गई है. यूएन की रिपोर्ट को लेकर जहां बच्चों पर काम कर रहे सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है वहीं विपक्षी दल के लोगों ने भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.

यूनाइटेड नेशन्स की वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. बच्चों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की मानें तो इतना ही नहीं गांव की बच्चियों पर भी नक्सलियों की नजर है.

वे उन्हें भी उठा कर ले जा रहे हैं और अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं. जो बच्चियां संगठन में शामिल नहीं होना चाहती हैं उसके साथ यौन शोषण किया जाता है और फिर मानव तस्करों के हाथों जिस्म के बाजार में बेच दिया जाता है.

वहीं, राज्य पुलिस के एडीजी अभियान सह प्रवक्ता आरके मल्लिक की मानें तो यूएन की रिपोर्ट में जो बातें कही गई हैं वे सही हैं. मगर एडीजी का कहना है कि पिछले दो सालों में पुलिस ने इन इलाकों में बेहतर काम किया है और न ही सिर्फ बच्चों को नक्सलियों के कब्जे से आजाद कराया है बल्कि बच्चे बच्चियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जैसे संस्थानों में दाखिल भी करवाया है ताकि बच्चे-बच्चियां पढ-लिख कर अपने भविष्य को संवार सकें.लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।

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