नर्सिंग छात्रों के लिए लिखी गई किताब में बताए गए दहेज के फायदे, प्रियंका चतुर्वेदी ने धर्मेंद्र प्रधान से की ये अपील
By मनाली रस्तोगी | Published: April 4, 2022 03:22 PM2022-04-04T15:22:23+5:302022-04-04T15:25:01+5:30
टीके इंद्राणी द्वारा नर्सों के लिए समाजशास्त्र की किताब चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, इसमें "दहेज के गुण" बताए गए हैं। इस किताब में लिखा है कि बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज के जरिए अच्छे या बदसूरत दिखने वाले लड़कों के साथ की जा सकती है।
नई दिल्ली: दहेज प्रथा के "गुणों और लाभों" को सूचीबद्ध करने वाले पुस्तक पृष्ठ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। ऐसे में अब किताब के पन्ने की यह तस्वीर लोगों को सोचने के लिए प्रेरित कर रही है कि इस तरह की पठन सामग्री युवाओं और समाज को किस तरह का संदेश दे रही है। जो पन्ना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो टीके इंद्राणी द्वारा नर्सों के लिए समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक से है।
I request Shri @dpradhanbjp ji to remove such books from circulation. That a textbook elaborating the merits of dowry can actually exist in our curriculum is a shame for the nation and its constitution. https://t.co/qQVE1FaOEw
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) April 3, 2022
पुस्तक नर्सिंग छात्रों के लिए एक पठन सामग्री है
इस किताब में "दहेज के गुण" बताए गए हैं। पुस्तक नर्सिंग छात्रों के लिए एक पठन सामग्री है और इसके कवर पर लिखा है कि यह भारतीय नर्सिंग परिषद के पाठ्यक्रम के अनुसार लिखा गया है। बता दें कि सोशल मीडिया यूजर्स के अलावा शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस किताब को लेकर ट्वीट किया है। यही नहीं, अपने ट्वीट में उन्होंने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी पुस्तकों को प्रचलन से हटाने का आह्वान किया और रेखांकित किया कि हमारे पाठ्यक्रम में उनकी उपस्थिति एक "शर्म की बात" है।
किताब में बताए गए हैं दहेज के फायदे
इस किताब में लिखा है कि दहेज नए घर की स्थापना में सहायक होता है। हमारे भारत के कई हिस्सों में चारपाई, गद्दे, टेलीविजन, पंखा, फ्रिज, बर्तन, कपड़े और यहां तक कि वाहन जैसे घरेलू सामान देने की प्रथा दहेज के रूप में पाई जाती है। यही नहीं, इस किताब में ये भी लिखा है कि बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज के जरिए अच्छे या बदसूरत दिखने वाले लड़कों के साथ की जा सकती है। किताब में आगे लिखा है कि दहेज प्रथा का एक "अप्रत्यक्ष लाभ" यह है कि माता-पिता ने अब अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें कम दहेज देना पड़े।