देश में चल रही फर्जी यूनिवर्सिटी को लेकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर अहम जानकारी जारी की है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में दिए एक लिखित जवाब में बताया कि यूजीसी ने देशभर के 24 संस्थानों को फर्जी यूनिवर्सिटी करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इनके अतिरिक्त दो अन्य संस्थानों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है और मामला कोर्ट में लंबित है.
यूपी में आठ फर्जी विश्वविद्यालयों की पहचान
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ ऐसे फर्जी विश्वविद्यालय हैं - वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद; गांधी हिंदी विद्यापीठ, इलाहाबाद; नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर; नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़; उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा; महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़ और इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किए गए है.
दिल्ली की 7 यूनिवर्सिटीज फर्जी घोषित
दिल्ली में ऐसे सात फर्जी विश्वविद्यालय की पहचान यूजीसी ने की है - वाणिज्यिक विश्वविद्यालय लिमिटेड, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, व्यावसायिक विश्वविद्यालय, एडीआर केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान, स्वरोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (आध्यात्मिक विश्वविद्यालय) इनमें शामिल हैं.
अन्य राज्यों के संस्थानों की भी सूची जारी
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो विश्वविद्यालय इस लिस्ट में शामिल हैं. ये हैं: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता के साथ-साथ नवभारत शिक्षा परिषद, राउरकेला और नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी. जबकि कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय की पहचान कि गई है.
वे हैं - श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, पुडुचेरी; क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, आंध्र प्रदेश; राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर; सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, केरल और बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, कर्नाटक.
फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी करेगा कार्रवाई
फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से बताते हुए, शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, 'यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में फर्जी विश्वविद्यालयों/संस्थानों की सूची सार्वजनिक करेगा, जिससे छात्रों को भी इन शिक्षण संस्थाओं की पहचान करने में आसानी हो.'
उन्होंने कहा, 'आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखेगा.' इसके अलावा अवैध डिग्री प्रदान करने वाले अनधिकृत संस्थानों को कारण बताओ और चेतावनी नोटिस जारी किए जाएंगे.