UGC ने विश्वविद्यालयों को दिए निर्देश, 31 अगस्त तक कराएं फाइनल ईयर की परीक्षाएं, जानें कारण
By वैशाली कुमारी | Published: July 18, 2021 01:18 PM2021-07-18T13:18:45+5:302021-07-18T13:18:45+5:30
यूजीसी ने वर्ष 2021-22 के लिए कोविड -19 के मद्देनजर अपनी नई परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के दिशानिर्देशों में यह कि सेमेस्टर या अंतिम वर्ष की परीक्षाएं (2020-2021) अनिवार्य रूप से ऑफ़लाइन मोड में आयोजित की जायेगी।
नई दिल्ली: यूजीसी ने वर्ष 2021-22 के लिए कोविड -19 के मद्देनजर अपनी नई परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के दिशानिर्देशों में यह कहा है कि सेमेस्टर या अंतिम वर्ष की परीक्षाएं (2020-2021) अनिवार्य रूप से ऑफ़लाइन मोड में आयोजित की जायेगी।
ऑनलाइन/ऑफलाइन मोड और इंटरमीडिएट के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन और पिछले सेमेस्टर पर आधारित होगा। अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 31 अगस्त तक आयोजित की जानी हैं। नए बैचों का शैक्षणिक वर्ष 1 अक्टूबर, 2021 से शुरू होगा। यूजीसी ने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रवेश रद्द करने के मामले में पूरी फीस वापस करनी है।
31 जुलाई तक सभी बोर्ड जारी करे इण्टरमीडिएट का परिणाम
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थान सीबीएसई, सीआईएससीई और सभी राज्य बोर्ड के परिणामों की घोषणा के बाद ही अपनी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेंगे, और प्रवेश 30 सितंबर तक पूरा किया जाना है। यूजीसी ने कहा, "उम्मीद है कि सभी स्कूल बोर्ड 31 जुलाई तक बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए अपने परिणाम घोषित कर देंगे। अगर कोई देरी होती है, तो नया शैक्षणिक सत्र 18 अक्टूबर से शुरू हो सकता है।"
ऑनलाइन मोड में जारी रहेंगी कक्षाएं
आयोग ने स्पष्ट किया है कि कक्षाओं को ऑफलाइन/ ऑनलाइन या मिश्रित मोड में जारी रहनी चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है, “संस्थान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी आवश्यक प्रोटोकॉल और सलाह के बाद 1 अक्टूबर से 31 जुलाई, 2022 के दौरान कक्षाओं या परीक्षाओं के संचालन और सेमेस्टर ब्रेक आदि की तैयारी कर सकते हैं।”
प्रवेश रद्द होने पर पूरा शुल्क वापस करेंगे कॉलेज
महामारी के दौरान माता-पिता के सामने आने वाली आर्थिक परेशानियों को देखते हुए, आयोग ने HEI से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि छात्रों के प्रवेश को रद्द करने के मामलों में पूरा शुल्क वापस किया जाए। आयोग ने एचईआई कॉलेजों से 31 अगस्त, 2021 तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि, "इंटरमीडिएट के लिए छात्रों का मूल्यांकन और आंतरिक मूल्यांकन पिछले सेमेस्टर के परिणामों पर आधारित होगा"।