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उद्धव ठाकरे ने कहा, "एकनाथ शिंदे, नरेंद्र मोदी होने का दावा कर सकते हैं, भाजपा सतर्क रहे"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 27, 2022 15:11 IST

'सामना' में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह न केवल महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव चाहते हैं, बल्कि विधानसभा चुनाव भी चाहते हैं। इसके साथ ही ठाकरे ने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में सीएम की गद्दी पर शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बैठेगा।

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ठळक मुद्देउद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन का सबसे ज्यादा विरोध एकनाथ शिंदे करते थे आज भाजपा की गोद में बैठे एकनाथ शिंदे ने तो उसके विरोध में मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया थाकल को एकनाथ शिंदे कहेगे कि वो ही नरेंद्र मोदी हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहने की जरूरत है

मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कहा कि उनके नेतृत्व में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर बने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को कहीं से भी गलत नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि उनकी इस पहल का स्वागत महाराष्ट्र की जनता ने किया था।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बुधवार को दिए इंटरव्यू में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि बदले हुए परिस्थिति में वह न केवल महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव चाहते हैं, बल्कि विधानसभा चुनाव भी चाहते हैं। इसके साथ ही ठाकरे ने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में सीएम की गद्दी पर शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बैठेगा और इस कार्य के लिए वो पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और पार्टी कैडर में फिर से जान फूंकने का प्रयास करेंगे।

बुधवार को अपने 62वें जन्मदिन पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा उन लोगों को सब कुछ दे रही है, जो दूसरी पार्टियों से आये हैं। मसलन एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया और इस समय के विपक्षी नेता और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार को भी डिप्टी सीएम का पद दे चुकी है।

उन्होंने कहा, "दिल्ली की सरकार शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई को भड़का कर मराठी लोगों में बांटवारा करना चाहती है। अगर मौजूदा शासक विपक्ष से डरता है, तो यह उनकी अक्षमता है। इस बात को याद रखा जाना चाहिए कि लोकतंत्र में कोई भी पार्टी स्थायी तौर पर विजेता नहीं होती।"

शिवसेना में बगावत झेल रहे उद्धव ठाकरे ने कहा कि "महाराष्ट्र की जनात ने मेरे नेतृत्व में बने महाविकास अघाड़ी प्रयोग का स्वागत किया था, इसे केवल और केवल भाजपा के द्वारा नकारा गया और जिसका कारण रहा कि छल से हमारी सरकार गिरा दी गई।"

शिवसेना सांसद संजय राउत को दिये इंटरव्यू में ठाकरे ने कहा, "मुझे पूरे भरोसा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बनेगा। इसके लिए मैं पार्टी के आधार और कैडर के विस्तार को और मजबूत करने के लिए काम करूंगा। इसके लिए मैं अगस्त से पूरे महाराष्ट्र का दौरा शुरू करूंगा।"

भाजपा पर काफी कठोर होते हुए उद्धव ठाकरे ने सवाल किया, "आखिर भाजपा बताए न कि मैं 2019 में उनसे क्या मांग रहा था? चुनाव के पहले दोनों दोलं के बीच सहमति बनी थी कि दोनों दलों का मुख्यमंत्री होगा और ढाई साल के गद्दी पर बैठेगा। वह मुख्यमंत्री का पद मेरे लिए नहीं था। मैंने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब से वादा किया था कि मैं महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा। लेकिन मेरा वादा अभी भी अधूरा है।"

ठाकरे ने कहा कि कि जब भाजाप ने चुनाव पूर्व वादा तोड़ दिया तो उन्हें महाविकास अघाड़ी बनाने की पहल की और उसके बाद मुख्यमंत्री का पद चुनौती के तौर पर स्वीकार किया। उन्होंने दावा किया, ''मुझे न चाहते हुए भी ऐसा करना पड़ा क्योंकि भाजपा ने चुनाव पूर्व जो तय किया था वो उससे पीछे हट गई थी। मेरे मन में मुख्यमंत्री की गद्दी का लालच नहीं था।''

बागी शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि जब शिवसेना भाजपा के साथ थी, तो वो ही कहते थे कि  भाजपा शिवसेना को नुकसान पहुंचा रही है। हमें भाजपा से दूर हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "साल 2019 में भाजपा ने पहले से तय की गई सभी चीजों को नकार दिया। इतना ही नहीं अवसरवादिता की मिसाल कायम करते हुए भाजपा ने झूठ की सारी हदों को पार कर दिया तब जाकर महाविकास अघाड़ी का जन्म हुआ और अब वे (एकनाथ शिंदे) कहते हैं कि कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना को नुकसान पहुंचा रही थी। जबकि महाविकास अघाड़ी बनने से उन्हें ही लगता था कि शिवसेना को भाजपा के साथ सबसे बड़ा खतरा है।"

शिवसेना प्रमुख ने शिंदे का नाम न लेते हुए कहा, "उन्होंने मुख्यमंत्री पद हासिल करने के लिए बेहद गलत राजनीति का रास्ता चुना है और उसके जरिये सत्ता हासिल की है। सत्ता के लिए उनकी वासना ऐसी है कि अब वह उसे बचाने के लिए खुद की तुलना शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल साहेब ठाकरे से कर रहे हैं।"

इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे से उन्होंने खुद पूछा था कि क्या वह उनकी जगह सीएम बनना चाहते हैं। ठाकरे ने कहा, "जब भाजपा चुनाव पूर्व वादे से मुकर गई तो मैंने खुद उनसे कहा था कि चलो कांग्रेस, एनसीपी से बात करते हैं। मैंने कहा कि अगर उनके साथ के बागी महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन जारी नहीं रखना चाहते हैं और भाजपा के साथ जाने की इच्छा रखते हैं तो वो मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दे दें, फिर सोचते हैं। लेकिन उनमें (शिंदे) मेरे प्रश्नों का उत्तर देने की हिम्मत नहीं थी।"

एकनाथ शिंदे पर कड़ा हमला करते हुए ठाकरे ने कहा, "जरा उनका नाटक तो देखो। पहले वह भाजपा की आलोचना करते थे। कहते थे कि भाजपा शिवसेना को खत्म करना चाहता है। इसके लिए उन्होंने ही मुझे अपने मंत्री पद से भी इस्तीफा भेज दिया था। अरे कल तो वह यह दावा भी कर सकते हैं कि वो ही नरेंद्र मोदी हैं प्रधानमंत्री पद पर भी अपना दावा पेश कर सकते हैं। भाजपा को उनसे सतर्क रहना चाहिए।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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