नई दिल्ली, 24 अगस्त: केरल में आई भीषण बाढ़ से निपटने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। पहले तो यूएई के शेख खलीफा ने केरल बाढ़ को लेकर एक समिति का गठन किया, जो इस पूरे जल प्रलय का विस्तृत जानकारी लेकर पीड़ितों की मदद करेगी। फिर ये खबर आई कि यूएई ने केरल को 700 करोड़ रूपए की सहायता देने की घोषणा की है। इस खबर के आने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से मदद की पेशकश को ठुकरा दिया गया था। लेकिन अब यूएई राजदूत अहमद अलबन्ना ने एक इंटरव्यू में कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात ने आधिकारिक तौर पर अब तक ऐसी कोई पेशकश नहीं की है।
यूएई राजदूत ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि अभी तक बाढ़ पीड़ितों की जरूरतों का आकलन किया जा रहा है। मदद राशि कितनी होगी ये अभी फाइनल नहीं हो पाया है। जब पत्रकारों की तरफ से ये उनसे पूछा गया कि क्या ये कहा जा सकता है कि यूएई ने 700 करोड़ रुपए की मदद राशि देने की घोषणा नहीं की है? तो अहमद अलबन्ना ने हां में जवाब दिया है। राजदूत अहमद ने बताया कि केरल राहत कार्य के लिए फंड अलॉटमेंट करने की प्रक्रिया जारी है। गठित कमिटी अपना काम कर रही है।
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके केरल के लिए 700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की पेशकश की है। हालांकि केरल सीएम के ये कहने के बाद ने केंद्र सरकार ने विदेशी मदद की तारीफ करते हुए मदद लेने से इनकार कर दिया था। मदद ना लेने के पीछे नीतियों का हवाला दिया गया था। केंद्र द्वारा मदद की पेशकश ठुकराने के केंद्र और केरल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। केरल के नेताओं ने केंद्र पर बदले की भावना का आरोप लगाया था। साथ ही ये कहा कि अगर केंद्र विदेशी मदद नहीं लेना चाहती तो खुद उतने पैसे दे।