इंदौर (मध्य प्रदेश), दो अगस्त लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक आला अधिकारी और क्लर्क को ठेकेदार से उसका बकाया भुगतान करने के एवज में 25,000 रुपये की कथित घूस लेने के आरोप में सोमवार को पकड़ा।
लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि घूसखोरी की शिकायत पर आईएमसी के जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना और बिल शाखा में पदस्थ उनकी मातहत क्लर्क हेमाली वैद्य को उनके सरकारी दफ्तर में जाल बिछाकर पकड़ा गया।
उन्होंने कहा कि आईएमसी अधीक्षक के साथ मिलीभगत के चलते महिला क्लर्क ने एक निजी निर्माण फर्म के ठेकेदार धीरेंद्र चौबे से कथित घूस के रूप में 25,000 रुपये लिए और यह रकम अपने सरकारी दफ्तर की अलमारी में रख ली।
बघेल ने बताया कि आईएमसी के लिए किए गए कामों के भुगतान के रूप में ठेकेदार को इस शहरी निकाय से नौ लाख रुपये से ज्यादा की रकम लेनी है।
उन्होंने ठेकेदार की शिकायत के हवाले से बताया, “इस भुगतान के एवज में ठेकेदार से तीन प्रतिशत कमीशन के रूप में रिश्वत मांगी जा रही थी।”
डीएसपी ने बताया कि रिश्वतखोरी के आरोप में आईएमसी के अधीक्षक और महिला क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। डीएसपी के मुताबिक बॉन्ड भरवाकर उन्हें इस बात के लिए कानूनन पाबंद किया गया है कि घूसखोरी के मामले की जांच के संबंध में उन्हें जब भी बुलाया जाएगा, वे लोकायुक्त पुलिस के सामने तय तारीख को हाजिर हो जाएंगे।
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