भागलपुर मतदाता सूची में दो पाकिस्तानी महिला?, नाम इमराना और फिरदौसिया खानम, हरकत में गृह मंत्रालय, डीएम से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: August 30, 2025 17:44 IST2025-08-30T17:42:28+5:302025-08-30T17:44:04+5:30
पहली महिला का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति मोहम्मद इब्तुल हसन। जबकि दूसरी महिला का नाम फिरदौसिया खानम, पति मोहम्मद तफजील अहमद।

सांकेतिक फोटो
भागलपुरःबिहार के भागलपुर में मतदाता सूची में दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम पाए जाने के बाद सनसनी फैल गई है। मामला उजागर होते ही चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय हरकत में आ गए हैं। दोनों एजेंसियों ने इनके नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और साथ ही भागलपुर जिला प्रशासन, डीएम, एसएसपी और निर्वाचन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिले के रिकॉर्ड के मुताबिक, दोनों महिलाएं भागलपुर शहर के भीखनपुर मोहल्ले, टैंक लेन, गुमटी नंबर-3 में रहती हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली महिला का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति मोहम्मद इब्तुल हसन। जबकि दूसरी महिला का नाम फिरदौसिया खानम, पति मोहम्मद तफजील अहमद। दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं।
फिरदौसिया जनवरी 1956 में तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं। उसी साल इमराना भी तीन साल के वीजा पर भारत पहुंचीं। वीजा खत्म होने के बाद दोनों ने भारत छोड़ने के बजाय अवैध रूप से रुकने का रास्ता चुना और स्थानीय लोगों से शादी कर ली। इसके बाद दोनों ने भारतीय दस्तावेज (आधार और वोटर आईडी) भी बनवा लिया।
सूत्रों का दावा है कि दोनों ने पिछले चुनावों में मतदान भी किया। 1 अगस्त को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इसके बाद चुनाव आयोग ने फॉर्म-7 के जरिए इनके नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भागलपुर डीएम नवल किशोर चौधरी ने पुष्टि करते हुए कहा कि कार्रवाई शुरू कर दी गई है, विस्तृत जांच जारी है।
खुफिया रिपोर्ट्स पहले ही चेतावनी दे चुकी थीं कि विदेशी नागरिक वीजा अवधि खत्म होने के बाद भारत में रुककर भारतीय पहचान पत्र बनवा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला किसी बड़े पैटर्न का हिस्सा हो सकता है। एसआईआर के तहत अब केंद्र सरकार ऐसे अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने की कवायद तेज करेगी।
भागलपुर एसएसपी हृदयकांत इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके क्योंकि वे राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के सुरक्षा इंतजाम में व्यस्त थे। उधर, एसआईआर के तहत प्रारूप मतदाता सूची को लेकर मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। अब तक दो लाख 11 हजार 650 मतदाताओं ने सूची के विरुद्ध दावे और आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
इस प्रक्रिया के तहत युवा मतदाताओं की भागीदारी भी उत्साहजनक रही है। अगस्त महीने में 18 वर्ष से अधिक आयु के कुल 11 लाख 36 हजार 565 युवाओं ने पहली बार मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6 के माध्यम से आवेदन जमा किया है। पहली बार वोट देने वाले युवा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रुचि ले रहे हैं।
ऐसे में अगर इस अनुरूप मतदाताओं के नाम जोड़े गए तो इस बार 11 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची को जोड़े जाएंगे। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) के माध्यम से जमा किए गए फार्मों की रिपोर्ट भी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 12 राजनीतिक दलों के एक लाख 60 हजार से अधिक बीएलए सक्रिय हैं।
इन एजेंटों के माध्यम से मतदाता सूची में सुधार और नामांकन की प्रक्रिया को मजबूती मिल रही है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाकपा-माले के बीएलए की ओर से सर्वाधिक 108 मतदाताओं के दावे-आपत्तियां दर्ज की गई हैं। वहीं, राजद की ओर से शुक्रवार को नौ फॉर्म जमा कराए गए।
चुनाव आयोग द्वारा जारी यह रिपोर्ट दर्शाती है कि मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटि रहित बनाने के लिए आयोग, राजनीतिक दलों और आम जनता के स्तर पर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके पहले विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान करीब 65 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।