महाराष्ट्र, केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण वायरस के दो नए स्वरूप नहीं : सरकार

By भाषा | Published: February 23, 2021 10:53 PM2021-02-23T22:53:37+5:302021-02-23T22:53:37+5:30

Two new forms of virus are not the reason for increasing cases of Kovid-19 in Maharashtra, Kerala: Govt. | महाराष्ट्र, केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण वायरस के दो नए स्वरूप नहीं : सरकार

महाराष्ट्र, केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण वायरस के दो नए स्वरूप नहीं : सरकार

नयी दिल्ली, 23 फरवरी केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के दो नए स्वरूप - एन440के और ई484के- मिले हैं लेकिन फिलहाल यह मानने का कोई कारण नहीं है कि इन दोनों राज्यों के कुछ जिलों में मामलों में बढ़ोतरी के लिये ये दोनों स्वरूप जिम्मेदार हैं।

वायरस के इन दोनों स्वरूपों में से एक तेलंगाना में भी मिला है।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि देश में अब तक सार्स-सीओवी-2 के ब्रिटिश स्वरूप से 187 लोग जबकि वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप से छह लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा वायरस के ब्राजीलीयाई स्वरूप से भी एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया है।

पॉल ने कहा, “महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना में सार्स-सीओवी-2 के एन440के और ई484के , दोनों स्वरूप मिले हैं। इसके अलावा तीन अन्य स्वरूप - ब्रिटिश, दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीलीयाई- पहले से ही देश में मौजूद हैं। लेकिन वैज्ञानिक सूचना के आधार पर हमारे लिए यह मानने का कोई कारण नहीं है कि महाराष्ट्र और केरल के कुछ जिलों में संक्रमण के मामलों में तेजी के लिये यह जिम्मेदार हैं।”

देश में कुल उपचाराधीन कोविड-19 मामलों में से 75 प्रतिशत दो राज्यों, केरल और महाराष्ट्र, से आते हैं।

पॉल ने कहा कि महज इन स्वरूपों का पता चलने से जमीनी स्तर पर उस धारणा की पुष्टि नहीं होती क्योंकि वायरस के स्वरूप के आने से बीमारी की प्रवृत्ति में बदलाव को समझने के लिये महामारी संबंधी अन्य जानकारियों व नैदानिक जानकारियों को इन स्वरूपों से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा, “क्योंकि वैसे तो ये (स्वरूप) बनते रहते हैं लेकिन इनका महामारी पर कोई प्रभाव नहीं होता।”

उन्होंने कहा कि देश में इन स्वरूपों पर लगातार करीबी नजर रखी जा रही है और अब तक 3500 से ज्यादा स्वरूपों के अनुक्रम तैयार किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा, “जब हम अनुक्रम करते हैं तो हम विषाणु के चरित्र में किसी असामान्य बदलाव को देखते हैं। हम इन स्वरूपों पर नजर रख रहे हैं।”

पॉल ने कहा, “आज, मौजूदा जानकारी और जैसा कि बेहद प्रमुख वैज्ञानिक परामर्श समूह भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) द्वारा विश्लेषण किया गया और समझा गया, हम इस तथ्य को रेखांकित करना चाहेंगे कि कुछ जिलों में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिये हम इन स्वरूपों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहेंगे। लेकिन यह काम प्रगति पर है और हम पूरी जिम्मेदारी के साथ स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे।”

बड़ी आबादी के अब भी जोखिम के दायरे में होने का हवाला देते हुए पॉल ने जोर दिया कि मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथ धोने और ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नहीं जाने संबंधी कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करते रहना चाहिए।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, “महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में कोविड-19 को मामलों में हालिया बढ़ोतरी का वायरस के नए स्वरूप एन440के और ई484क्यू से कोई सीधा संबंध नहीं है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य देशों में भी वायरस के ये दोनों स्वरूप मिले हैं और यह सिर्फ भारत केंद्रित नहीं हैं। इतना ही नहीं वे भारत में पहले कुछ अन्य राज्यों में भी पाए जा चुके हैं।

वायरस के ई484क्यू स्वरूप के चार अनुक्रम महाराष्ट्र में मार्च और जुलाई 2020 में भी मिल चुके हैं। वहीं मई और सितंबर 2020 के बीच13 अलग-अलग मौकों पर एन440के स्वरूप तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम में सामने आ चुके है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मामलों में हाल में हुई वृद्धि को इन स्वरूपों से जोड़कर नहीं देखा जा सकता।

उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में कोई वैज्ञानिक साक्ष्य सामने आता है तो उसे साझा किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हाल में जिन राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है उनमें से कुछ में स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय दल भेजा है जबकि कुछ और राज्यों में ऐसे दल भेजे जाएंगे।

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