'भारत में जमा हैं दो करोड़ बेकार वाहन, जिन्हें कर देना चाहिए था नष्ट'
By भाषा | Published: July 24, 2018 04:26 AM2018-07-24T04:26:07+5:302018-07-24T04:26:07+5:30
वाहन उत्पादन करने वाले विकासशील देशों (जैसे कि भारत) और इनके इस्तेमाल की प्रवृत्ति में आयी तेजी को देखते हुए वाहनों को नष्ट करने के नियम तथा बहुमूल्य सामग्री को पुन : प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाने की बेहद आवश्यकता नजर आती है।
नई दिल्ली, 24 जुलाईः भारत के एक थिंक टैंक का मानना है कि देश में ऐसे करीब दो करोड़ वाहन हैं जो बेकार हैं और जिन्हें नष्ट किया जाना चाहिए था। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार हर साल दो अरब वैश्विक वाहनों के बेड़े में से चार करोड़ से अधिक वाहन अर्थात वैश्विक ऑटोमोबाइल स्वामित्व का चार प्रतिशत बेकार हो जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत जैसे वाहन उत्पादक देशों सहित समूची विकासशील दुनिया जिस गति से वाहनों का इस्तेमाल कर रही है , ऐसे में आवश्यक क्षमता के बगैर लगातार बढ़ते ऐसे वाहनों के जखीरे को नष्ट करना उनके लिये एक चुनौती के तौर पर उभरा है।
वाहन उत्पादन करने वाले विकासशील देशों (जैसे कि भारत) और इनके इस्तेमाल की प्रवृत्ति में आयी तेजी को देखते हुए वाहनों को नष्ट करने के नियम तथा बहुमूल्य सामग्री को पुन : प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाने की बेहद आवश्यकता नजर आती है।
सीएसई में कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने कहा, ‘‘भारत सरकार एक स्क्रैपेज (वाहन नष्ट करने की) नीति ला रही है लेकिन हमारे पास अब भी एंड ऑफ लाइफ रेगुलेशन (वाहनों को पूरी तरह से नष्ट करने के नियम) नहीं है, जिसकी बेहद आवश्यकता है।’’ भारत में वर्ष 2015 तक ऐसे करीब दो करोड़ वाहन हो गये हैं , जिन्हें नष्ट किया जाना आवश्यक है।