सैनिकों का पीछे हटना दोनों पक्षों के लिए लाभकारी : थल सेना प्रमुख

By भाषा | Published: February 25, 2021 12:17 AM2021-02-25T00:17:33+5:302021-02-25T00:17:33+5:30

Troops retreat beneficial for both sides: Army Chief | सैनिकों का पीछे हटना दोनों पक्षों के लिए लाभकारी : थल सेना प्रमुख

सैनिकों का पीछे हटना दोनों पक्षों के लिए लाभकारी : थल सेना प्रमुख

नयी दिल्ली, 24 फरवरी थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से ‘‘अंतिम परिणाम बहुत अच्छा’’ रहा और दोनों पक्षों के लिए यह लाभकारी स्थिति है। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि अभी लंबा रास्ता तय करना है और अगला कदम तनाव कम करना है।

उन्होंने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच ‘साठगांठ’ के कोई संकेत नहीं मिले लेकिन भारत ने केवल दो को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि ढाई मोर्चे के लिए दूरगामी योजना बना रखी है। वह आधे मोर्चे का हवाला आंतरिक सुरक्षा के लिए दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि गतिरोध की शुरुआत से ही भारत की तरफ से सभी पक्षों ने मिलकर काम किया।

नरवणे ने ‘विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि पूर्वी लद्दाख में लंबित अन्य मुद्दों के समाधान के लिए भी रणनीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गयी लेकिन भरोसे की कमी है। सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जो भी हम कर रहे हैं हम सतर्क होकर कर रहे हैं। हमें सावधान रहना होगा। विश्वास की कमी है। जब तक विश्वास नहीं बनेगा, निश्चित तौर पर हमें सतर्क रहना होगा और एलएसी के दोनों ओर हर गतिविधि पर नजर रखनी होगी।’’

नरवणे ने कहा, ‘‘हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है। हमें तनाव घटाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। इसके बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि गतिरोध की शुरुआत से ही राजनीतिक स्तर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्षों से वार्ता की।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सब साथ थे। हमने वह योजना तैयार की जिस पर हमने चर्चा की थी कि कैसे आगे बढ़ना चाहिए। जो भी योजना बनायी गयी थी, उसके नतीजे मिले हैं। अब तक हमने जो भी हासिल किया वह बहुत अच्छा है।’’

थल सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सलाह भी बहुत महत्वपूर्ण रही और रणनीतिक स्तर पर उनके दृष्टिकोण से हमें अपने कदम उठाने में निश्चित तौर पर मदद मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समग्र दृष्टिकोण से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई। मुझे लगता है कि अंतिम परिणाम बहुत अच्छा रहा। यह दोनों के लिए लाभदायक स्थिति है। किसी भी टिकाऊ समझौते के लिए दोनों पक्षों को लगना चाहिए कि उन्होंने कुछ हासिल किया है। मुझे लगता है कि 10 दौर की वार्ता के अच्छे परिणाम मिले हैं।’’

पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों को पीछे ले जाने की प्रक्रिया संपन्न की।

नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में देपसांग इलाके में, उत्तरी सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों में कुछ मुद्दे बाकी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उसके लिए हमारे पास रणनीति है। क्या हमारे पास भविष्य में बातचीत करने के लिए कुछ भी है। हां, निश्चित तौर पर। लेकिन वह रणनीति क्या होगी और समझौते पर क्या प्रगति होगी, यह देखना होगा।

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Web Title: Troops retreat beneficial for both sides: Army Chief

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