पश्चिम बंगालः जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेशाध्यक्ष ने तीन तलाक कानून को बताया इस्लाम पर हमला, कहा- हम नहीं करेंगे स्वीकार
By रामदीप मिश्रा | Updated: August 1, 2019 18:45 IST2019-08-01T18:45:31+5:302019-08-01T18:45:31+5:30
सिद्दीकुल्लाह चौधरी का तीन तलाक कानून को लेकर कहना है कि यह दु:ख की बात है, यह इस्लाम पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

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पश्चिम बंगाल के मंत्री व जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने गुरुवार (01 अगस्त) को तीन तलाक कानून को इस्लाम पर हमला बताया है और इसे मानने से इनकार कर दिया है। बता दें, लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह विधेयक अब कानून बन गया। इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सिद्दीकुल्लाह चौधरी का तीन तलाक कानून को लेकर कहना है कि यह दु:ख की बात है, यह इस्लाम पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जब केंद्रीय समिति की बैठक होगी उस समय हम आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे।
Siddiqullah Chowdhury, West Bengal Minister & President of Jamiat Ulema-e-Hind's West Bengal Unit on #TripleTalaqBill: It is a matter of grief, it is an attack on Islam. We will no accept it. When there will be central committee meeting, we'll decide on further course of action. pic.twitter.com/KctYffBJ5j
— ANI (@ANI) August 1, 2019
बता दें कि नए कानून में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) एक्ट में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी।’
इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।
गौरतलब है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित किया गया था। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी थी। इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया था।
बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर सभी सांसदों का आभार जताया था। पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, 'पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता।'