लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी आतंकी संगठन टीआरएफ ने दी अमरनाथ यात्रा पर हमले की धमकी, बावजूद इसके श्रद्धालुओं में है भारी उत्साह
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 19, 2022 05:09 PM2022-04-19T17:09:20+5:302022-04-19T17:16:28+5:30
अमरनाथ यात्रा के संदर्भ में टीआरएफ का धमकी भरा पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को यात्रा से दूर रहने और जानलेवा हमले की चेतावनी दी गई है।
जम्मू: लश्कर-ए-तैयबा के दाहिना हाथ समझे जाने वाले आतंकी गुट 'द रजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने अमरनाथ यात्रा पर हमले करने की धमकी दी है।
वैसे अदर देखा जाए तो अमरनाथ यात्रा के मामले में यह एक कड़वी सच्चाई है कि पिछले 30 सालों के दौरान कई बार अमरनाथ यात्रा को आतंकी धमकी और हमलों से दो-चार होना पड़ा है।
यही नहीं इसी अवधि के दौरान आतंकी 90 से ज्यादा अमरनाथ श्रद्धालुओं को भी मौत के घाट उतार चुके हैं पर उसके बावजूद श्रद्धालुओं के बीच अमरनाथ यात्रा के प्रति आकर्षण कम नहीं हुआ है।
अमरनाथ यात्रा के संदर्भ में टीआरएफ का धमकी भरा पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को यात्रा से दूर रहने और जानलेवा हमले की चेतावनी दी गई है। टीआरएफ ने अपने धमकी भरे पत्र में हमले की बात करते हुए केंद्र सरकार को संघी और फासीवादी कहा है।
टीआरएफ ने यात्रा पर हमले की धमकी देते हुए कहा कि 15 हजार से आठ लाख और 15 दिन से 75 दिन, यह अमरनाथ यात्रा का राजनीतिकरण है।
आतंकी संगठन ने कहा कि हाल ही में श्राइन बोर्ड और जम्मू कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा को 75 दिन करने और तीन लाख श्रद्धालुओं की अनुमति का एलान कर इस तीर्थयात्रा को राजनीतिक यात्रा बनाया है।
इसलिए टीआरएफ अमरनाथ यात्रा में सामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को खबरदार करता है कि वह सरकार के किसी भी बहकावे में न आएं। रजिस्टेंस फाइटर्स हरेक कदम पर निगाह रखे हुए हैं और किसी भी तरह का उकसावा खून-खराबे का कारण बनेगा।
अमरनाथ श्रद्धालुओं के मरने का आंकड़ा वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2017 तक का है। इन मौतों के लिए आतंकी गुटों तथा अलगाववादी नेताओं द्वारा बनाई गई असमंजस की परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है क्योंकि हर बार अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर कुछ आतंकी गुट अमरनाथ यात्रा को क्षति न पहुंचाने की बात करते रहे हैं तो अलगाववादी नेता अमरनाथ श्रद्धालुओं को कश्मीर का मेहमान बता उनकी पीठ पर वार करते रहे हैं।