लड़ाई-दंगों और नक्सली वारदात से ज्यादा लोग हमारे यहां सड़क हादसों में मर रहे हैंः गडकरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2019 08:28 PM2019-07-31T20:28:45+5:302019-07-31T20:28:45+5:30
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को स्वीकार किया कि देश में पिछले पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण होने वाली मौतों की वजह से सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मौजूदा कानून में बदलाव करना जरूरी है।
गडकरी ने इस मकसद से राज्यसभा में मोटर यान (संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। यह विधेयक लोकसभा से 23 जुलाई को पारित किया जा चुका है। गडकरी ने कहा कि देश में हर साल लाखों मौतें सड़क हादसों में होती हैं और इन्हें रोकना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने सड़क हादसों को रोकने के लिए अच्छे कदम उठाए हैं और हम उन्हीं का मॉडल अपनाने जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि 40 फीसदी हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर होते हैं और इसके लिए वर्ल्ड बैंक की सहायता से कदम भी उठाए जा रहे हैं।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लड़ाई-दंगों और नक्सली वारदात से ज्यादा लोग हमारे यहां सड़क हादसों में मर रहे हैं। करीब 1.5 लाख लोग हर साल हादसों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकार हम किसी भी रूप में लेना नहीं चाहते हैं, ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और इसे रोकने के लिए तुरंत कानून बनाने की जरूरत है।
उन्होंने सरकार ने ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन पर काम करना शुरू किया है। नियमों के उल्लंघन पर बिल में कड़े प्रावधान लाए गए हैं। साथ ही ओवर स्पीड पर भी जुर्माना बढ़ाया गया है। देश में 30 फीसदी लाइसेंस बोगस हैं और एक आदमी 4-4 लाइसेंस हासिल कर लेता है।
परिवहन प्रक्रिया को सुचारू बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहा
गडकरी ने सदन में संशोधन विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुये कहा कि 30 साल पुराना मौजूदा कानून सड़क हादसों को रोकने और परिवहन प्रक्रिया को सुचारू बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। इसमें संशोधन की दो साल से चल रही कोशिशों का जिक्र करते हुये गडकरी ने बताया कि इस विधेयक को स्थायी समिति और प्रवर समिति में विस्तृत चर्चा के बाद पेश किया गया है।
हालांकि कांग्रेस के सदस्य बी के हरिप्रसाद ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुये उच्च सदन में पेश किये गये विधेयक को त्रुटिपूर्ण बताया और कहा कि यह विधेयक लोकसभा में पेश किये गये विधेयक से भिन्न है। इसमें कुछ प्रावधान जोड़े गये हैं जिनका जिक्र लोकसभा में पेश विधेयक में नहीं था।
हरिप्रसाद ने नियमों का हवाला देते हुये सभापति एम वेंकैया नायडू से मांग की कि दोनों सदनों में एक समान विधेयक पेश किया जाना चाहिये इसलिये सरकार विधेयक की त्रुटियों को दूर करने के बाद ही इसे पेश करे। नायडू ने कहा कि विधेयक पेश किया जा चुका है इसलिये वह हरिप्रसाद द्वारा उठाये गये मुद्दे पर विस्तार से विचार कर बाद में व्यवस्था देंगे।
सभापति की अनुमति से गडकरी ने विधेयक के मुख्य प्रावधानों का जिक्र करने से पहले कांग्रेस सदस्य की चिंता को खारिज करते हुए बताया कि उन्होंने वही विधेयक पेश किया है जो लोकसभा में पारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा व्यवस्था से लोगों को बहुत असुविधाएं हो रही हैं।
भ्रष्टाचार की भी बहुत शिकायतें आई हैं। ऐसे में इस संशोधन विधेयक की जरूरत पड़ी। गडकरी ने इससे राज्य सरकारों के अधिकारों में कटौती होने की आशंकाओं को दूर करते हुये आश्वासन दिया कि राज्यों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। उनके अधिकार क्षेत्र में कोई दखल नहीं दिया जाएगा।
फर्जी लाइसेंस बनने सहित अन्य प्रकार के भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लग सकेगी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है जिससे फर्जी लाइसेंस बनने सहित अन्य प्रकार के भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लग सकेगी। साथ ही अप्रशिक्षित वाहन चालकों के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिये सभी जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जायेंगे।
गडकरी ने सदन से मोटरयान संशोधन विधेयक पारित करने की अपील करते हुए कहा कि परिवहन व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए राष्ट्रीय परिवहन नीति बनाई जा रही है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार के अलावा वाहन पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जायेगा।
साथ ही मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत एयरपोर्ट की तर्ज पर बसपोर्ट बनाने, एप आधारित टेक्सी सेवा को नियमों के दायरे में लाने, दोषपूर्ण वाहनों पर नियंत्रण एवं परिवहन संबंधी अन्य खामियों को दूर करने के लिये सजा के सख्त प्रावधान विधेयक में प्रस्तावित हैं।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सहित दक्षिण के अन्य राज्यों में परिवहन व्यवस्था में सुधार को देखते हुये सरकार तमिलनाडु मॉडल को इस विधेयक के माध्यम से पूरे देश में लागू करना चाहती है। विधेयक पर चर्चा शुरू होने से पहले वाम दलों के सदस्य ई. करीम और बिनॉय विस्वम ने दो संशोधन प्रस्ताव भी पेश किये।
इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के हरिप्रसाद ने कहा कि सरकार ने स्थायी समिति के सुझावों को भी विधेयक में शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर पेश किया गया यह विधेयक कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के मकसद से पेश किया गया है।
हरिप्रसाद ने कहा कि सरकार ने महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में बेहतर परिवहन व्यवस्था का हवाला देते हुये कहा कि खुद महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने भी विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक परमिट राज का नया दरवाजा खोलेगा।
चर्चा में हिस्सा लेते हुये भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे ने विभिन्न स्तर पर प्रशासन को बेहतर बनाने की दिशा में इसे ऐतिहासिक विधेयक बताते हुये कहा कि मौजूदा कानून में बदलाव की लंबे समय से बदलाव अपेक्षित था। लेकिन यथास्थितिवाद के कारण बदलाव मुमकिन नहीं हो पाया।
सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि देश में सड़क सुरक्षा के मामले में भयावह स्थिति है। सड़क हादसों में 2010 से 2017 के दौरान 31 प्रतिशत इजाफा हुआ। इनमें मरने वाले लोगों में युवाशक्ति का हृास देश को मानव संसाधन का भारी नुकसान पहुंचा रहा है।