देश में कोविड-19 से मृतकों की संख्या 590 हुई, कुल मामले 18,601 हुए : स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और मंगलवार तक संक्रमण 590 लोगों की जान ले चुका है। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18,601 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 14,759 लोग संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 3,251 लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है वहीं एक व्यक्ति विदेश चला गया है। कुल मामलों में 77 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। सोमवार शाम से अब तक कुल 31 लोगों की मौत हुई है। इनमें 11 राजस्थान में, नौ महाराष्ट्र में, चार गुजरात में और तेलंगाना, दिल्ली एवं तमिलनाडु में दो-दो लोगों की मौत हुई है। अब तक सबसे अधिक 232 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 74, गुजरात में 71, दिल्ली में 47, राजस्थान में 25, तेलंगाना में 23 और आंध्र प्रदेश में 20 लोगों की मौत हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में मृतक संख्या 18 और तमिलनाडु में 17 है। पंजाब और कर्नाटक दोनों राज्यों में 16-16 लोगों की मौत हुई है। पश्चिम बंगाल में 12 जानें गई हैं। बीमारी के चलते जम्मू-कश्मीर में पांच जबकि केरल और हरियाणा में तीन-तीन मौत हुई है। मंत्रालय के मंगलवार सुबह तक अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक झारखंड और बिहार में दो जबकि मेघालय, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक मौत हुई है।
चौहान ने किया पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के 29 दिन बाद मंगलवार को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में एक छोटे एवं सादे समारोह में इन सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया है उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह एवं कमल पटेल शामिल हैं। इनमें से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। ये दोनों कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन 22 विधायकों में शामिल थे जो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे।
राष्ट्रपति संपदा क्षेत्र में 100 परिवार स्वत: पृथ्कवास पर गए
राष्ट्रपति संपदा क्षेत्र में 100 से अधिक परिवार ऐहतियात के तौर पर स्वत: पृथकवास पर चले गए जब एक सफमाई कर्मी का रिश्तेदार जांच में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति संपदा क्षेत्र में रहने वाले एक सफाई कर्मी के रिश्तेदार को उपचार के लिये अस्पताल में भर्ती किया गया था । यह कदम तब उठाया गया जब सफाई कर्मी की मां की कुछ दिनों पहले कोविड-19 संक्रमण के कारण बी एल कपूर अस्पताल में मौत जो गई। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ उसकी मां राष्ट्रपति संपदा क्षेत्र से बाहर रहती थी। जांच में उसके पॉजिटिव आने के बाद, उसके सभी रिश्तेदारों को पृथकवास में भेजा गया था और जांच की गई थी । रिश्तेदारों की जांच रिपोर्ट निगेटिव थी। ’’ उन्होंने बताया कि सफाई कर्मी की मां की मौत के बाद पहले तकरीबन 25 परिवार स्वत: पृथकवास में चले गए । अब करीब 100 परिवार एहतियात के तौर पर स्वत: पृथकवास पर चले गए हैं ।
अन्य बड़ी खबरें
- लोकसभा सचिवालय में कार्यरत एक सफाईकर्मी में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।- पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में अग्रिम चौकियों और नियंत्रण रेखा से लगे हुए गांवों में भीषण गोलाबारी की।- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया में संदिग्ध गतिविधियों का पता नहीं चला है। यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया कि हाल ही में किम जोंग उन की हृदय की सर्जरी हुई है, जिसके बाद उनकी की हालत बेहद नाजुक है।- व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया है कि अमेरिका के पास इस बात के “सबूत’’ हैं कि जनवरी और फरवरी में चीन ने 18 गुना अधिक मास्क और निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) मंगाए थे जिसे अब वह उंची दरों पर बेच रहा है।- अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतें मंगलवार को निचले स्तर से वापसी कर शून्य से ऊपर पहुंच गईं।- यूपीआई भुगतान प्रणाली के जरिए लेनदेन में पिछले कई महीनों से जारी तेजी मार्च में थम गई। इस दौरान कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से यूपीआई लेनदेन में कमी आई है।- अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के कार्यकारी पैनल ने मंगलवार को अपनी लीग समिति की सिफारिशों को स्वीकृति दे दी जिसमें कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन को देखते हुए आईलीग के बाकी बचे 28 मैचों को रद्द करने और शीर्ष पर चल रहे मोहन बागान को चैम्पियन घोषित करने की सिफारिश की गई थी।