टूलकिट मामलाः दिशा रवि तिहाड़ से रिहा, कोर्ट ने कहा-अधूरे सबूतों पर युवती को जेल में रखना न्याय नहीं...
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 23, 2021 04:16 PM2021-02-23T16:16:44+5:302021-02-23T21:21:48+5:30
अधिकारी ने कहा कि ‘‘टूलकिट’’ मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है।
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को कोर्ट में पेश किया। न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। जज ने 1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट साझा करने के मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को आज यह कहकर जमानत दे दी कि पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य अल्प एवं अधूरे हैं।
26 जनवरी को हुई हिंसाः अदालत ने सरकार को लताड़ते हुए कहा अधूरे सबूतों के आधार पर 22 वर्षीय युवती को जेल में रखना न्याय नहीं, वह भी तब कि जब उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिशा रवि के संगठन 'पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन' का 26 जनवरी को हुई हिंसा से कोई संबंध साबित नहीं हो सका है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने रवि को एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर यह राहत दी। ज्ञात हो स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ''टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट'' की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गई, दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की एक टीम बेंगलुरु से गिरफ्तार कर दिल्ली लाई थी। चार दिन जेल में रहने के बाद उसे 6 दिन पुलिस हिरासत में रखा गया था। अदालत ने कहा वॉट्सऐप ग्रुप बनाना या टूलिकट को एडिट करना कोई अपराध नहीं है।
Toolkit case: Session Court of Patiala House Court allows the bail plea of Disha Ravi; Additional Session Judge Dharmender Rana grants bail to her on furnishing a bail bond of Rs 100,000 with two surety in like amount.
— ANI (@ANI) February 23, 2021
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराना है। जैकब और मुलुक सोमवार को जांच में शामिल हुए थे।
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’’ की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था जबकि जैकब और मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गयी। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा था कि सह-आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के 22 फरवरी को पूछताछ में शामिल होने के बाद वह रवि को हिरासत में पूछताछ के लिये भेजने की मांग करेगी। बंबई उच्च न्यायालय ने मुलुक को 16 फरवरी को दस दिन के लिए ट्रांजिट जमानत दे दी थी। मुलुक, दिशा रवि और एक अन्य आरोपी निकिता जैकब पर राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(इनपुट एजेंसी)