लालू यादव के लिए कल का दिन होगा बेहद अहम, चारा घोटाला मामले में होगा सजा का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: February 20, 2022 09:00 PM2022-02-20T21:00:21+5:302022-02-20T21:05:55+5:30
रांची में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत चारा घोटाला में डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव के सजा का ऐलान करेगी। कोर्ट ने बीते 15 फरवरी को लालू यादव सहित अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था।
रांची: झारखंड की राजधानी रांची पर कल पूरे देश की निगाहें टिकी रहेंगी, इसकी बस एकमात्र वजह है कि बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी के दिन सजा का ऐलान होना है। सोमवार का दिन लालू यादव के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण रहेगा।
सीबीआई की विशेष अदालत सोमवार को चारा घोटाला में डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में इनके सजा का ऐलान करेगी। कोर्ट ने बीते 15 फरवरी को लालू यादव सहित अन्य आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया था, लेकिन दोषी ठहराने के बाद कोर्ट ने कहा कि वो लालू यादव की सजा 21 फरवरी को सुनाएगी।
लालू यादव दोषी ठहराये जाने के बाद से रांची के रिम्स में पेइंग वार्ड में भर्ती हैं और सोमवार को सीबीआइ की विशेष अदालत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाएगी।
जानकारी के मुताबिक इसके लिए प्रशासन लालू यादव को लैपटॉप मुहैया करवायेगा। जिसके जरिये वो स्पेशल जज का फैसला सुनेंगे।मालूम हो कि कई बीमारियों से जूझ रहे लालू यादव का इलाज इस समय रिम्स में चल रहा है। लालू यादव होटवार जेल रिम्स के वार्ड में पहुंचे हैं।
कानून के जानकारों का कहना है कि कल लालू की जिंदगी की सबसे बड़ा फैसला होगा। लालू को कोर्ट ने जिन धाराओं में दोषी पाया है, उनके हिसाब से लालू यादव को कम से कम एक साल या ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक के जेल की सजा हो सकती है।
तमाम तरह की बीमारियों से पीड़ित लालू यादव उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं। अगर उनको सात साल की सजा होती है तो यह पूरे परिवार के लिए मुश्किल भरा फैसला हो सकता है। अब लालू परिवार और राजद सहित सभी की निगाहें सोमवार पर है कि लालू को अदालत कितने वर्षों की सजा सुनाती है।
मालूम हो कि साल 1990 से 1992 के बीच पशुओं के चारा के नाम पर डोरंडा कोषागार से धन की फर्जी निकासी का घोटाला हुआ। यह अपनी तरह का नायाब फर्जीवाड़ा था। इसमें अवैध तरीके से पैसे निकालने के लिए पशुओं को वाहनों में ढोने के बिल पास कराए गए। लेकिन जिन वाहनों के नंबर दिए गए थे, जांच में वे नंबर स्कूटर या दुपहिया वाहनों के निकले।
मामले की सीबीआई जांच के दौरान पता चला कि नेताओं और अधिकारियों ने मिलकर 400 सांड़ों को हरियाणा और दिल्ली जैसे शहरों से रांची लेकर आये। सरकारी दस्तावेजों में कहा गया कि गायों की बेहतर नस्ल के लिए इन्हें लाया गया है। लेकिन जिन वाहनों पर इन्हें लाना दर्शाया गया था, उनके नंबर दोपहिया वाहनों के निकले।
इन नंबरों की जांच के लिए देश के 150 परिवहन कार्यालयों से दस्तावेज जुटाए गए। इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी हैं। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी और 53 आपूर्तिकर्ताओं को आरोपी बनाया गया था।