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कल GST परिषद की बैठक हंगामेदार रहने के आसार, कर्ज के विकल्प का विरोध करेंगे विपक्षी राज्य

By भाषा | Updated: October 4, 2020 14:11 IST

सूत्रों का कहना है कि पांच अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक में विपक्षी दलों के द्वारा शासित राज्य केंद्र के विकल्प का विरोध कर सकते हैं।

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ठळक मुद्देचालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है।केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपये की कमी के लिये जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है।छह राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश विकल्प का विरोध करते हुए पत्र लिखा है।

नयी दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं, क्योंकि गैर-भाजपा शासित राज्य अभी भी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ असहमत हैं। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों समेत कुल 21 राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है।

इन राज्यों के पास चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये 97 हजार करोड़ रुपये उधार लेने का विकल्प चुनने का सितंबर मध्य तक समय था। हालांकि पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल जैसे विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा कर्ज उठाने के दिये गये विकल्प को अब तक नहीं चुना है।

सूत्रों का कहना है कि पांच अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक में विपक्षी दलों के द्वारा शासित राज्य केंद्र के विकल्प का विरोध कर सकते हैं। ये राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर सकते हैं। इन राज्यों का मानना है कि राज्यों के राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति करना केंद्र सरकार का संवैधानिक दायित्व है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपये की कमी के लिये जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड-19 के कारण है।

केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया था। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गयी विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं। गैर-भाजपा शासित राज्य जीएसटी राजस्व में कमी को लेकर केंद्र सरकार के साथ आमने-सामने हो गये हैं।

ऐसे छह राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश विकल्प का विरोध करते हुए पत्र लिखा है। ये राज्य चाहते हैं कि जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये केंद्र सरकार कर्ज ले, जबकि केंद्र सरकार का तर्क है कि वह उन करों के एकज में कर्ज नहीं उठा सकती है, जो उसके खाते के नहीं हैं।

अगस्त 2019 से उपकर में कमी में गिरावट आने के बाद से राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं। केंद्र सरकार को इसके बाद क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिये 2017-18 तथा 2018-19 में जमा उपकर की राशि का इस्तेमाल करना पड़ा है।

केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिये क्षतिपूर्ति के तौर पर 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किये हैं, जबकि इस दौरान उपकर संग्रह महज 95,444 करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले 2017-18 और 2018-19 में क्षतिपूर्ति की राशि क्रमश: 41,146 करोड़ रुपये और 69,275 करोड़ रुपये रही है। 

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