टमाटर की कीमतों में होगी और भी बढ़ोतरी...रेट पहुंचेगा 300 रुपए प्रति किलो तक! जानें विक्रेताओं का क्या है कहना
By आजाद खान | Published: August 3, 2023 09:04 AM2023-08-03T09:04:00+5:302023-08-03T09:23:52+5:30
थोक विक्रेताओं का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और भारी बारिश के कारण सब्जियों के रेट में बढ़ोतरी देखी गई है। यही नहीं इन सब्जियों की ढुलाई में भी सामान्य से छह और सात घंटे ज्यादा लग रहे है।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: लगातार बढ़ रही टमाटर की कीमतों ने तो आम लोगों को पहले ही परेशान कर रखा था, अब इसके दाम और बढ़ने की भी खबर सामने आ रही है। कई थोक विक्रेताओं ने यह बताया है कि आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतों में इजाफा हो सकता है और इसके दाम 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
थोक विक्रेताओं ने इस तरीके से टमाटर की बढ़ते कीमतों के पीछे कई कारण जिससे इसके रेट में इजाफा देखा जा रहा है। उनके अनुसार, अभी फिलहाल में टमाटर के दाम में कोई कमी देखने को नहीं मिल सकती है।
टमाटर हो सकता है 300 रुपए प्रति किलो
सब्जी मंडियों के थोक विक्रेताओं ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में टमाटर के दाम 300 रुपए प्रति किलो भी हो सकते है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली से सटे नोएडा में टमाटर अभी ही 300 रुपए प्रति किलो की रेट पर बिक रही है। यह रेट जल्द ही देश के और हिस्सों में भी देखने को मिल सकता है।
हालांकि सरकार ने इसके दाम करने के लिए कुछ जरूरी कदम जरूर उठाए थे और 14 जुलाई से टमाटर घटे हुए रेट पर बिकना भी शुरू हुए थे। लेकिन कुछ दिन के बाद फिर से बढ़े हुए रेट पर टमाटर बिकना चालु हो गया था। थोक विक्रेताओं का कहना है कि हाल में इसकी कीमतों में कमी नहीं देखी जा सकती है।
इस कारण लगातार बढ़ रहे है दाम
इसके कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि भारी बारिश के कारण टमाटर उत्पादक इलाकों में इसके उत्पादन और सप्लाई में आ रही दिक्कतों की वजह इसकी दाम में लगातार बढ़ोतरी देखी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और भारी बारिश के साथ इसकी ढुलाई में भी सामान्य से छह सात घंटे ज्यादा लग रहे है, इस कारण अभी भी रेट में इजाफा देखा जा रहा है।
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी (APMC) के सदस्य कौशिक ने बताया कि टमाटर, शिमला मिर्च जैसी कई मौसमी सब्जियों के दाम में अचानक आई बढ़ोतरी से इनकी बिक्री पर भी असर पड़ा है। इस कारण रिटेल और थोक विक्रेता दोनों को भारी नुकसान देखने को मिल रहा है।