टोक्यो : शाहरूख खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म चक दे इंडिया शायद ही किसी ने न देखी हो । उस फिल्म का हर एक सीन दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देना वाला था । खैर ऐसा दृश्य हमने फिल्म में देखा था लेकिन टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम ने फिल्मी सीन को रियल बना दिया और बिल्कुल रोंगटे खड़े होने वाला खेल खेला । फिल्म में शाहरूख खान टीम के कोच थे और उन्होंने अपनी टीम का हर कदम पर साथ दिया था । रियल कोच Sjored Marijne ने भी अपनी टीम का पूरा साथ दिया और अंत तक हौंसला बनाए रखा ।
महिला हॉकी टीम ने भले ही कोई मैडल नहीं जीता लेकिन किसी भी भारतीय के चेहरे पर इस बात का कोई अफसोस नहीं है क्योंकि उन्होंने भारत के इतिहास में वो कर दिखाया , जो अबतक कभी नहीं हुआ था । शुक्रवार को टीम की कैप्टन रानी रामपाल और उनकी टीम ग्रेट ब्रिटेन से हार गई और कांस्य पदक सुनिश्चित नहीं कर पाई लेकिन ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से उन्होंने लाखों लोगों का दिल जीत लिया । 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों के बाद महिला टीम की कमान संभालने वाले डच कोच सोजर्ड मारिजने ने टीम का हर कदम पर साथ दिया और एक बेहतर टीम के ऊपर में उभरने में पूरी मदद की और उनकी लड़कियों ने भी उन्हें निराश नहीं किया ।
टोक्यो ओलंपिक में लगातार तीन हार के बाद अपना अभियान शुरू करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया । पिछले 8 राउंड में इस टीम ने दुनिया को दिखा दिया कि हम आसानी से हार नहीं मानेंगे और पूर्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया । वे अर्जेंटीना के खिलाफ हार गए लेकिन सेमीफाइनल में उन्होंने कड़ा मुकाबला किया लेकिन कहते है न शायद कभी बस आपका दिन नहीं होता ।
इस पूरे दौरे में भारतीय महिला हॉकी टाम का साथ देने के लिए के लिए रियल कोच ने रिल कोच शाहरूख खान का भी शुक्रिया किया और ट्वीट कर कहा, 'आपके प्यार और साथ के लिए शुक्रिया । हम फिर से जी जान लगाकर सबकुछ हासिल करेंगे । रियल कोच की ओर'
इंडिया टुडे से बात करते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच मारिजने ने कहा कि वाह राष्ट्रीय हॉकी टीम के साथ अपना अनुबंध नहीं बढ़ाएंगे और अपने कार्यकाल के विभिन्न चरणों में पुरुष और महिला दोनों सीनियर टीम के साथ भारत में 4 साल बिताने के बाद अपने परिवार के पास वापस लौटना चाहेंगे । उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में एक और महत्वपूर्ण चीज है वह मेरा परिवार है । अब उनके पास जाना चाहता हूं । हालांकि मैं उस अवधि के लिए सबका आभारी हूं जो मैंने यहां बिताया।
उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम के बारे में कहा कि महिलाएं अच्छी स्थिति में है लेकिन लड़कियों के लिए और टूर्नामेंट होने की जरूरत है तभी वहां से आगे बढ़ सकती हैं ।