TN Seshan Death: इन उपलब्धियों के कारण अमर रहेंगे टीएन शेषन
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: November 11, 2019 05:05 AM2019-11-11T05:05:11+5:302019-11-11T05:09:40+5:30
वह 1992 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे और उस दौरान जितने भी चुनाव हुए, उस दौरान कानून का उल्लंघन करने की हिमाकत किसी में नहीं थी।
भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त, पूर्व कैबिनेट सचिव और एक शानदार अफसरशाह टीएन शेषन नहीं रहे। वह अपने पीछे आदर्शवाद की एक ऐसी विरासत छोड़ गए है जो सदियों तक चुनाव अधिकारियों को प्रेरणा देती रहेगी। टीएन शेषन का नाम उनके कार्यकाल के दौरान पारदर्शिता और दक्षता के पर्याय के रूप में जाना गया। उन्हें सबसे स्वच्छ चुनाव आयोजित कराने के लिए जाना जाता रहेगा।
जिन उपलब्धियों के कारण टीएम शेषन को हमेशा जाना जाता रहेगा, उन्हें हर किसी को जानना चाहिए। वह 1992 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे और उस दौरान जितने भी चुनाव हुए, उस दौरान कानून का उल्लंघन करने की हिमाकत किसी में नहीं थी।
उनकी उपलब्धियों पर नजर डालें तो भारतीय मतदाताओं के लिए मतदाता पहचान पत्र उन्होंने ही बनवाए। चुनाव प्रक्रिया में सख्ती से कानून और चुनाव आचार संहिता को लागू करा उसका पालन कराया। उन्होंने चुनावों में महिला और पुरुष उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सीमा तय की।
टीएन शेषन ने चुनाव आयोग को प्रगतिशील और स्वायत्त निर्वाचन आयोग बनाने में अहम भूमिका निभाई।
वहीं चुनाव के दौरान रिश्वत, डराना-धमकाना, शराब वितरण, आधिकारिक मशीनरी का इस्तेमाल, जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील, धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल और बिना अनुमति लाउड स्पीकर और तेज संगीत के इस्तेमाल पर उन्होंने रोक लगाई।
बता दें कि शेषन का रविवार को चेन्नई स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। शेषन ने 1990 के दशक में देश में चुनाव सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह 86 वर्ष के थे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व चुनाव आयुक्त का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्ष से ठीक नहीं था। दिल का दौरा पड़ने से रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया। अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध शेषन बढ़ती उम्र के कारण पिछले कुछ वर्ष से सिर्फ अपने आवास पर रह रहते थे। उनका बाहर आना-जाना लगभग ना के बराबर हो गया था।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)