चेन्नई: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने बेहद खतरनाक संगठन बताया है। उनके मुताबिक पीएफआई देश को भीतर से अस्थिर करना चाहता है। 'द लर्किंग हाइड्रा: साउथ एशियाज टेरर ट्रैवेल' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि आतंकवाद के जो सभी कृत्य हमारे देश में हुए हैं, वे विदेशी स्रोतों से प्रेरित और उकसावे पर किए गए। कई देशों ने भारत के साथ ये खेल खेला है। उन्होंने कहा कि देश में आतंकी घटनाओं का स्रोत कहीं न कहीं विदेश से जुड़ा हुआ है।
राज्यपाल ने पीएफआई से सावधान रहने को कहा
राज्यपाल ने कहा, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक बहुत ही खतरनाक संगठन है। अनिवार्य रूप से इसका उद्देश्य इस देश को भीतर से अस्थिर करना है। उन्होंने कहा, यहां ऐसे राजनीतिक दल हैं जो अपने राजनीतिक निहित स्वार्थ के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। यह एक ऐसा खतरा है जिससे हमें बहुत सावधान रहने के की आवश्यकता है।
कहा- राजनीतिक संसाधन के रूप में हिंसा का उपयोग आतंकवाद का कार्य
इसके अलावा तमिलनाडु के राज्यपाल ने कहा, राजनीतिक संसाधन के रूप में हिंसा का उपयोग आतंकवाद का कार्य है। इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए, चाहे वह माओवादी हो, चाहे कश्मीर में हो या पूर्वोत्तर में। इस देश में कोई भी संस्था जो राजनीतिक संसाधन के रूप में हिंसा का उपयोग करती है, वह आतंकवाद का कार्य है।
पीएफआई क्या है?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामिक संगठन है। यह संगठन खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं। फिलहाल इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में बताया जाता है। कई बार इसे बैन करने की भी मांग उठी हैं।