'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से परेशान नहीं, पंचायत चुनाव हम ही जीतेंगे', टीएमसी ने केंद्रीय बलों से जुड़े फैसले पर दी प्रतिक्रिया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 20, 2023 05:59 PM2023-06-20T17:59:50+5:302023-06-20T18:01:54+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को बड़ा झटका दिया। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और चुनाव आयोग की याचिका ख़ारिज कर दी। टीएमसी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा है कि हम इससे परेशान नहीं हैं और चुनाव बहुमत से जीतेंगे।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। टीएमसी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा है कि हम इससे परेशान नहीं हैं और चुनाव बहुमत से जीतेंगे।
केंद्रीय बलों की मौजूदगी में कराए जाने वाले पंचायत चुनावों पर प्रतिक्रिया देते हुए जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, "इसका टीएमसी से कोई लेना-देना नहीं है और हम इससे परेशान भी नहीं हैं। चाहे वह (पंचायत चुनाव) केंद्रीय बलों या राज्य बलों के तहत आयोजित किए जाएं, टीएमसी पूर्ण बहुमत से पंचायत चुनाव जीतेगी क्योंकि जनता हमारे साथ है।"
#WATCH | "This has nothing to do with the TMC and we are not even bothered with this. Whether it (Panchayat Elections) is conducted under central forces or state forces, TMC will win the Panchayat Elections with full majority as public is with us," says Jay Prakash Majumdar, Vice… pic.twitter.com/Ul2g5e2gzI
— ANI (@ANI) June 20, 2023
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को बड़ा झटका दिया। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और चुनाव आयोग की याचिका ख़ारिज कर दी।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के नामांकन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। इसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि चुनावों के दौरान सभी जिलों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाएं। जहां बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया था वहीं ममता सरकार और पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाई। साथ ही ममता सरकार से पूछा कि आखिर आपको केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती से क्या दिक्कत है। अपनी टिप्पणी में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हिंसा और चुनाव एक साथ नहीं कराए जा सकते। चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं है, बंगाल में हिंसा का पुराना इतिहास रहा है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हर बार चर्चा में रहते हैं। इस बार भी नामांकन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। भाजपा ने ममता सरकार पर विपक्ष के उम्मीदवारों को नामांकन से रोकने का आरोप लगाया था। बीजेपी ने कोलकाता से लेकर दिल्ली तक इस मुद्दे पर ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तृणमूल सरकार भी वामपंथियों के रास्ते पर चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 8 जुलाई को चुनाव होना है और आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से कोई दिक्कत नहीं है और उसके फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है।