N Biren Singh Convoy Attack: मणिपुर सीएम के सुरक्षाकर्मियों पर उग्रवादियों का हमला, घात लगाकर घटना को दिया अंजाम; वीडियो वायरल
By अंजली चौहान | Updated: June 10, 2024 15:48 IST2024-06-10T15:41:15+5:302024-06-10T15:48:37+5:30
N Biren Singh Convoy Attack: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा काफिले पर असम सीमा पर जिरीबाम के रास्ते में संदिग्ध कुकी विद्रोहियों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया

N Biren Singh Convoy Attack: मणिपुर सीएम के सुरक्षाकर्मियों पर उग्रवादियों का हमला, घात लगाकर घटना को दिया अंजाम; वीडियो वायरल
N Biren Singh Convoy Attack:मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले पर इंफाल के पास हमला हुआ है। घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री के अग्रिम सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर दिया जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस घटना का एक वीडियो बी सामने आया है जिसमें सुरक्षा कर्मी हमले पर जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। गोलियों की आवाज वीडियो में सुनाई दे रही है। खबर है कि इस घटना में एक सुरक्षा कर्मी घायल हो गया है।
यह घटना सोमवार, 10 जून को हुई, जिसमें सामने आए वीडियो फुटेज में गोलियों की आवाजें सुनाई दे रही हैं। यह हमला उस समय हुआ जब अग्रिम सुरक्षा दल असम सीमा पर जिरीबाम के लिए रवाना हुआ, जहां अगले दिन मुख्यमंत्री का दौरा होने वाला था। माना जा रहा है कि अग्रिम सुरक्षा दल पर हमले के लिए संदिग्ध कुकी विद्रोही जिम्मेदार हैं, हाल ही में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया है।
Manipur Chief Minister N Biren Singh's advance security convoy ambushed by suspected Kuki insurgents en route to Jiribam, on the Assam border; Chief Minister scheduled to visit Jiribam on Tuesday; suspected Kuki insurgents had set homes of Meitei villagers in Jiribam on fire… pic.twitter.com/Z0OJYjFWnD
— Debanish Achom (@debanishachom) June 10, 2024
जानकारी के अनुसार, दिल्ली से इम्फाल लौट रहे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए जिरीबाम जाने की योजना बनाई थी। शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, एक वन विभाग कार्यालय और कम से कम 70 घरों को आग के हवाले कर दिया। यह हमला क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के बीच हुआ है। 6 जून को 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव मिलने के बाद तनाव बढ़ गया था, जो कई सप्ताह से लापता था। इसके कारण हिंसा में वृद्धि हुई और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की गई।
इस अशांति ने पड़ोसी असम को भी प्रभावित किया है, जहां मणिपुर में हिंसा से बचने के लिए विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के लगभग 600 लोगों ने कछार जिले के लखीपुर में शरण ली है। इम्फाल से 220 किमी दूर स्थित जिरीबाम, असम की सीमा पर एक रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से होकर गुजरता है। इस क्षेत्र में अनेक कुकी गांव हैं, जो चल रहे संघर्ष के बीच इसके महत्व को और बढ़ा देते हैं।