महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा- 'संसद भवन से क्यों नहीं हटा देते गांधीजी की प्रतिमा'
By मनाली रस्तोगी | Published: July 15, 2022 03:28 PM2022-07-15T15:28:05+5:302022-07-15T15:30:30+5:30
राज्यसभा महासचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा वहां किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हो सकता है। इस फैसले को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नई दिल्ली: विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र से पहले जारी एक आदेश को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। राज्यसभा महासचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा वहां किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हो सकता है। इस फैसले को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि क्यों न केवल गांधी की प्रतिमा को परिसर से हटा दिया जाए और अनुच्छेद 19 (1) को मिटा दिया जाए। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, "संसद भवन से गांधी जी की प्रतिमा को ही क्यों नहीं हटा देते? और संविधान के अनुच्छेद 19(1) को मिटा दो।" एक अन्य ट्वीट में मोइत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ चार दिन पहले नए संसद भवन के ऊपर एक धार्मिक समारोह किया।
Why not just remove Gandhiji’s statue from the premises?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 15, 2022
And erase Article 19 (1) a of the constitution. pic.twitter.com/PriwGof3rE
बता दें कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई पुस्तिका के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को "गैरकानूनी आचरण" माना जाएगा और यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का एक नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्तियों की श्रेणी में रखा गया है।
Btw Honourable MP Varanasi performed a religious ceremony on top of new Parliament Building just 4 days ago. pic.twitter.com/9YmXFScR6u
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 15, 2022
18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्य शामिल हैं जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था।
इसके अनुसार जो शब्द असंसदीय शब्दों, वाक्यों या अभद्र भावों की श्रेणी में आते हैं उनमें कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, बेकार, नौटंकी, ढोल बजाना, बहरा सरकार, चिलम लेना, छोकारा, कोयला चोर, गोरू शामिल हैं। चोर चरस पीते हैं, बैल, खालिस्तानी, विनाश के आदमी, तानाशाह, तानाशाह, अराजकतावादी, देशद्रोही भी असंसदीय शब्दों में शामिल हैं।