अमरनाथ यात्रा में इस बार शामिल हुए 4.5 लाख श्रद्धालु, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की संख्या पर जताई संतुष्टि

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 24, 2023 02:37 PM2023-08-24T14:37:24+5:302023-08-24T14:40:47+5:30

अमरनाथ यात्रा समापन की आधिकारिक तारीख से पहले सैद्धांतिक तौर पर खत्म हो चुकी है। इस बार की यात्रा में 4.50 लाख श्रद्धालु शामिल हुए, जिससे अमरनाथ श्राइन बोर्ड खुश है।

This time 4.5 lakh devotees participated in Amarnath Yatra, the yatra is theoretically over | अमरनाथ यात्रा में इस बार शामिल हुए 4.5 लाख श्रद्धालु, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की संख्या पर जताई संतुष्टि

फाइल फोटो

Highlightsअमरनाथ यात्रा समापन की आधिकारिक तारीख से पहले सैद्धांतिक तौर पर खत्म हो चुकी हैवैसे अमरनाथ यात्रा का धार्मिक समापन 31 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होना हैश्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की संख्या पर संतुष्टि जताई है

जम्मू:अमरनाथ यात्रा समापन की आधिकारिक तारीख से पहले सैद्धांतिक तौर पर खत्म हो चुकी है। इस बार की यात्रा में 4.50 लाख श्रद्धालु शामिल हुए, जिससे अमरनाथ श्राइन बोर्ड खुश है। श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की संख्या पर संतुष्टि जताई है। हालांकि अमरनाथ यात्रा का धार्मिक समापन 31 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होना है।

आज उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के लाल चौक स्थित दशनामी अखाड़े में पारंपरिक छड़ी-पूजन में भी भाग लिया। छड़ी मुबारक 26 अगस्त को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगी। जानकारी के लिए अमरनाथ यात्रा में पवित्र हिमलिंग के दर्शनों के अतिरिक्त सर्वाधिक महत्व की चीज छड़ी मुबारक है।

सरकारी तौर पर भले ही यात्रा की तिथियां कुछ भी हो, लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यात्रा की अवधि छड़ी मुबारक से जुड़ी है है अर्थात व्यास पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षा बंधन तक। इस बार इसमें 4.50 लाख श्रद्धालु शामिल हुए हैं। लेकिन अमरनाथ यात्रा के प्रति एक रिकार्ड सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का वर्ष 2011 की यात्रा में बना था, जब रिकार्ड तोड़ 6.35 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में शिरकत की थी।

जानकारी के लिए वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2019 के आंकड़ों पर अगर एक नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2016 में, जब हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्याय बुरहान वानी की मौत हुई थी। उस वक्त सबसे कम 2.20 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में शामिल हुए थे। जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2008 में जब अमरनाथ भूमि आंदोलन को लेकर जम्मू में दो माह तक लगातार आंदोलन, हड़ताल और कर्फ्यू लागू रहा था, तब भी सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन किए थे।

हालांकि इस आंकड़े पर आज भी संदेह व्यक्त किया जाता रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमशः 2.63, 5.50, 3.75, 4.59, 6.35, 6.20, 3.53, 3.72, 2.20, 2.60 तथा 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की।

इस बार अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन के लिए 62 दिन की वार्षिक अमरनाथ यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किमी लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किमी लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। यह यात्रा परंपरा के अनुसार 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के अवसर पर समाप्त होगी।

जबकि आज पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि भगवती नगर आधार शिविर और कश्मीर के आधार शिविरों से गुफा के लिए अमरनाथ तीर्थयात्रियों के जत्थों को भिजवाना रोका जा चुका है। इसे सैद्धांतिक तौर पर यात्रा की समाप्ति माना जा रहा है। यह सच है कि अमरनाथ गुफा में स्वतः निर्मित बर्फ के हिमलिंग के समय से पहले पिघलने के कारण जुलाई के दूसार सप्ताह से ही तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आनी शुरू हो गई थी। बढ़ते तापमान के कारण अब बाबा का वह रूप नहीं बचा है और प्रकृति भी साथ नहीं दे रही।

Web Title: This time 4.5 lakh devotees participated in Amarnath Yatra, the yatra is theoretically over

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