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वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार जॉब छोड़ लौटेंगे अमेरिका, कहा-अब तक की मेरी बेस्ट जॉब

By भारती द्विवेदी | Updated: June 20, 2018 17:38 IST

उनके काम का आखिरी दिन कौन सा होगा इस पर बात करते हुए अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि डेट अभी फिक्स नहीं है।

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नई दिल्ली , 20 जून: मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम जल्द ही वित्त मंत्रालय को अपना इस्तीफा सौंप विदेश जाने वाले हैं। इस बात की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी थी। अरुण जेटली ने अपने पोस्ट में लिखा था- 'कुछ दिन पहले सुब्रमण्यम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुझसे बात की। उन्होंने बताया कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से अमेरिका लौटना चाहते हैं। उनके कारण व्यक्तिगत हैं, लेकिन उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मेरे पास उनसे सहमत होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।' 

अब मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने मीडिया से बात करते हुए अपनी बात रखी है। अरविंद ने कहा- 'ये अब तक की मेरी बेस्ट जॉब थी और रहेगी। ये एक रोमांचक जॉब थी। मैं इस कार्यकाल के अच्छी यादों के साथ जाऊंगा। मैं भविष्य में हमेशा ही देश के लिए काम करने को तैयार रहूंगा। '

वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान उनसे नोटबंदी के दिन में दिल्ली में थे या नहीं सवाल पूछा गया, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा- 'नोटबंदी के दिन मैं पूरे दिन दिल्ली में था। अब जल्द ही मेरे उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।'

सुब्रमण्यम को 16 अक्तूबर , 2014 को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। 2017 में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया था। जेटली ने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल पूरा हुआ था। इसके बाद उन्होंने सुब्रमण्यम से कुछ समय और पद पर बने रहने का आग्रह किया था।

जेटली ने कहा, ‘‘ यहां तक उन्होंने अभी मुझे बताया है कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं और मौजूदा नौकरी के बीच फंसे हुए हैं। यह उनकी अब तक की यह सबसे संतोषजनक नौकी है। ’’ जेटली का मई मध्य में गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। अभी वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार पीयूष गोयल के पास है।

जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक प्रबंधन के लिए सुब्रमण्यम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे उनके व्यक्तित्व , ऊर्जा , बौद्धिक क्षमता और विचारों की कमी खलेगी। एक दिन में वह कई बार मेरे कमरे में आकर मुझे ‘ मिनिस्टर ’‘ कहकर बुलाते थे। कभी वह अच्छी खबर देते तो कभी दूसरे तरह का समाचार देने आते थे। निश्चित रूप से मुझे उनकी कमी खलेगी। मुझे विश्वास है कि वह कहीं भी होंगे वहां से अपनी सलाह या विश्लेषण भेजते रहेंगे।’

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