लखनऊ: देशभर में कैडर के हिसाब से नौकरशाहों की तादाद उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हैं। लिहाजा हर बैच के यहां अफसर मिलते हैं और उसी हिसाब से रिटायर भी होते हैं। अब ऐसे सूबे में चुनाव खत्म होते ही ब्यूरोक्रेसी में जल्दी ही बड़े बदलाव होने की चर्चा शुरू हो गई है। कई कारणों से यह बदलाव होना है। इसकी पहली बड़ी वजह है, सूबे के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र का 30 जून को कार्यकाल खत्म होना। दूसरी वजह है सीएम योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल का केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का फैसला। इसके अलावा चुनाव आयोग द्वारा चुनाव के ठीक पहले प्रमुख सचिव गृह के पद से सीएम योगी के करीबी अफसर संजय प्रसाद को हटाया जाना। ऐसे में अब इन तीनों ही पदों पर दोनों ही पदों पर सीएम योगी अपनी पसंद के अधिकारी की तैनाती इसी माह करेंगे। जिसके चलते नौकरशाही में कई और बदलाव होंगे क्योंकि सीएम के नए अपर मुख्य सचिव और सूबे के मुख्य सचिव शासन-प्रशासन पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अपने चलते अफसरों की जिलों और विभागों में तैनाती करेंगे। इसके अलावा जितेंद्र कुमार जैसे सीनियर अधिकारियों को भी मुख्य धारा के किसी महत्वपूर्ण विभाग में तैनात कर उनके अनुभागों का लाभ लिया जाएगा, ताकि जनता के बीच सरकार की खराब हुई छवि को बेहतर किया जा सके।
इन पदों पर होगी तैनाती :
फिलहाल सूबे की नौकरशाही में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की चर्चा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहुत ही करीबी माने जाने वाले एमपी गोयल बीते सात साल से सीएम ऑफिस के प्रमुख अफसर हैं। चुनाव शुरू होने के ठीक पहले एसपी गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी मिली गई थी। उनके दिल्ली जाने से सीएम ऑफिस के मुखिया पद पर जो अफसर तैनात होगा वह जिलों में एसपी गोयल द्वारा तैनात कराये गए अफसरों के स्थान पर अपनी पसंद के अधिकारी तैनात करेगा।
इसी तरह से इसी 30 जून को मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उन्हें तीन पर सेवा विस्तार दिया जा चुका है। सूबे की नौकरशाही नहीं चाहती कि अब उन्हें सेवा विस्तार मिले। सूबे में मुख्य सचिव के पद की कभी दावेदार मानी गई राधा एस चौहान भी 30 जून को रिटायर हो जाएगी। इस तरह से अब 1989 बैच के अफसर मुख्य सचिव पद पाने की रेस में हैं। इस बैच के मनोज कुमार सिंह और देवेश चौधरी में से ही कोई सूबे का नया मुख्य सचिव होगा, ऐसी चर्चा है। इस बैच के एसपी गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं, इसलिए वह रेस बाहर बताए जा रहे हैं।
इसी अगस्त में यूपी में राजस्व परिषद के चेयरमैन का पद भी खाली हो रहा हैं। इसके बाद दिसंबर में 1989 बैच के मनोज सिंह और लीना नंदन भी रिटायर हो रही हैं। सात माह में रिटायर होने वाले इन अफसरों के पदों पर तैनाती पाने के लिए सूबे के बड़े अधिकारी अभी से अपनी गोटी फ़िट करने में जुट गए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री के दरबार में वर्ष 1988, 1989 और 1990 बैच के तमाम अधिकारी हाजरी लगाने लगे हैं।
कहा तो यह भी जा रहा है, इस माह के आखिरी हफ्ते में सूबे के नए मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के पद से लेकर कई विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और जिलाधिकारी बदले जाएंगे।