40 प्रतिशत बालगृहों में बच्चों को शारीरिक, भावनात्मक प्रताड़ना से बचाने की व्यवस्था नहीं: रिपोर्ट

By भाषा | Updated: November 16, 2020 20:13 IST2020-11-16T20:13:29+5:302020-11-16T20:13:29+5:30

There is no system to protect children from physical, emotional torture in 40 percent of the children: report | 40 प्रतिशत बालगृहों में बच्चों को शारीरिक, भावनात्मक प्रताड़ना से बचाने की व्यवस्था नहीं: रिपोर्ट

40 प्रतिशत बालगृहों में बच्चों को शारीरिक, भावनात्मक प्रताड़ना से बचाने की व्यवस्था नहीं: रिपोर्ट

(उज्मि अतहर)

नयी दिल्ली, 16 नवंबर देशभर की 2,764 बाल गृह संस्थाओं में बच्चों को किसी भी प्रकार के शारीरिक या भावनात्मक शोषण से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है जिससे बच्चों को आघात का सामना करना पड़ता है। यह जानकारी सरकार की सामाजिक ऑडिट रिपोर्ट से सामने आई है।

उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुजफ्फरपुर में बाल गृहों में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण का मामला 2018 में सामने आने के बाद देशभर के सभी बाल गृहों की सामाजिक ऑडिट करने का आदेश दिया गया था।

देश के 7,163 बाल गृहों के ऑडिट किया गया जिनमें 2.56 लाख बच्चे रहते हैं। ऑडिट में पाया गया कि कुल संस्थाओं में से 39 प्रतिशत (2764) संस्थाएं ऐसी हैं जिनमें बच्चों को किसी भी प्रकार के शारीरिक या भावनात्मक शोषण से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं जिससे उन्हें शारीरिक या मानसिक आघात का सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की कमी से बच्चों को बाल गृहों में शारीरिक और भावनात्मक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि 1,504 बाल गृहों में अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है जबकि 434 बाल गृह संस्थाओं के शौचालयों और स्नानगृह में निजता की व्यवस्था नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार 373 बाल गृहों में सफाई, उम्र और मौसम के हिसाब से कपड़े तथा अन्य सामान की कमी है। इसके अलावा 1,069 बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए अलग बिस्तर की व्यवस्था नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार 28.5 प्रतिशत (2039) बाल गृह अभी तक पंजीकृत नहीं हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि नब्बे प्रतिशत बाल गृहों के प्रबंधन समितियां हैं लेकिन उनमें से 85 प्रतिशत की नियमित बैठक नहीं होती।

एनसीपीसीआर के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “यदि यह बैठक नहीं होती है तो इसका अर्थ है कि बाल गृह का उत्तरदायित्व किसी के पास नहीं है। लगभग 23 प्रतिशत बाल गृहों में भोजन पकाने वाला कोई नहीं है तो भोजन कौन बनाता है? लगभग 48 प्रतिशत बाल गृहों में कॉउंसलर नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि 29 प्रतिशत बाल गृहों में ऐसे कर्मचारी हैं जिनके पास बच्चों के पुनर्वास का प्रशिक्षण ही नहीं है। उन्होंने कहा कि लगभग 70 फीसदी बाल गृहों ने अपने कर्मचारियों को बाल अधिकार संरक्षण का प्रशिक्षण नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 61 प्रतिशत बाल गृह ऐसे हैं जिन्होंने बच्चों को संभालने का प्रशिक्षण नहीं दिया है।

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Web Title: There is no system to protect children from physical, emotional torture in 40 percent of the children: report

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