राजद में नहीं है 'ऑल इज वेल', अब चरम पर आई पार्टी में जारी अंदरूनी कलह
By एस पी सिन्हा | Published: October 10, 2022 03:58 PM2022-10-10T15:58:09+5:302022-10-10T15:59:12+5:30
जगदानंद सिंह के इस्तीफे की इस खबर को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या लालू यादव इसे स्वीकार कर लेंगे या फिर मनाएंगे? अगर नहीं मनाएंगे तो फिर राजद का अगला अध्यक्ष कौन होगा? अब अटकलों का बाजार गर्म है।
पटना: नई दिल्ली में संपन्न हुई राजद के कार्यकारिणी की बैठक में देखने में भले ही सबकुछ ठीक-ठाक होने का दावा किया जाता रहा हो, लेकिन राजद में अंदरूनी स्थिती यह है कि 'ऑल इज वेल' नहीं है। एक तरफ जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बैठक से दूरी बना ली, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और लालू के बड़े लाल व बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव के बीच बढ़ी तल्खी सारी सीमाओं को लांघ गया। बैठक के दौरान गुस्सा और नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई। इस तरह से राजद में चल रहा अंदरूनी कलह अब चरम पर आ गया है।
इधर, सूत्रों की मानें तो राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। लालू प्रसाद यादव को जगदानंद सिंह ने अपना इस्तीफा वाला पत्र सौंप दिया है। जिस तरह से इस पूरे बैठक के दौरान यह चर्चा होती रही कि बेटे को मंत्री पद से हटाए जाने के नाराज जगदानंद सिंह शामिल होंगे या नहीं, आखिरकार बैठक में वह नहीं पहुंचे। वहीं उनकी जगह सुधाकर सिंह खुद बैठक में शामिल हुए।
दूसरी तरफ पार्टी में जिस तरह राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और तेज प्रताप यादव के बीच गालीगलौज की बात सामने आई, उसके बाद राजद में अंदरुनी कलह और खुलकर सामने आ गई। बैठक की तैयारियों को लेकर कई दिनों से नई दिल्ली में मौजूद श्याम रजक पर तेज प्रताप ने आरएसएस का एजेंट होने का आरोप लगाया और उन्हें पार्टी से बाहर निकालने की मांग तक कर डाली।
वहीं दूसरी तरफ श्याम रजक ने खुद को पार्टी का बंधुआ मजदूर और तेज प्रताप को राजा करार दिया। जो लालू-तेजस्वी के एटूजेड के साथ होने की बात पर सवाल खड़े करता है। एक तरफ जगदानंद सिंह सवर्ण वर्ग से आते हैं और वहीं दूसरी तरफ श्याम रजक दलित समाज का चेहरा हैं। दोनों वर्ग के नेताओं में राजद नेतृत्व को लेकर नाराजगी सामने आ गई है।
जगदानंद सिंह के इस्तीफे की इस खबर को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या लालू यादव इसे स्वीकार कर लेंगे या फिर मनाएंगे? अगर नहीं मनाएंगे तो फिर राजद का अगला अध्यक्ष कौन होगा? अब अटकलों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि एक दो दिनों में लालू यादव बिहार प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नया फैसला कर सकते हैं। हालांकि लालू यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर रहने और मिलकर लड़ाई लड़ने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि इधर-उधर नहीं झांकना है। पार्टी को बड़ी लड़ाई लड़नी है। साथ रहकर ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है। वहीं तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं को मंच से संदेश दिया कि वे हर किसी को खुश नहीं रख सकते हैं। तेजस्वी ने कहा कि पार्टी अपने पूर्व निर्धारित एजेंडे पर ही काम करेगी। पार्टी के लोग उसे बदलने की कोशिश न करें।