सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने लगाया था बैन लेकिन अब भी गुजरात में धड़ल्ले से बिक रहा गुटखा: रिपोर्ट
By कोमल बड़ोदेकर | Published: January 19, 2018 12:38 PM2018-01-19T12:38:54+5:302018-01-19T13:09:20+5:30
सितंबर 2012 में गुजरात में गुटखे की बिक्री, उत्पादन, वितरण और भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
गुजरात में लगे प्रतिबंध के बावजूद राज्य में धड़ल्ले से गुटखा बिक रहा है। हाल ही में आई ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि 91.6 प्रतिशत युवाओं को लगता है कि धुआं रहित तंबाकू को गंभीर बीमारी का कारण मानते हैं बावजूद इसके गुटखा सेवन करने वालों की संख्या बढ़कर 16.4-17.1 फीसदी हो गई है जबकि साल 2009 में जीएटीएस की रिपोर्ट में यह संख्या 12.8 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के मुताबिक धुएं रहित तंबाकू का सेवन करने वाले युवाओं की संख्या में भी धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीते सात साल में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में थोड़ा अंतर देखा गया है। सात साल सहले पहले ये आंकड़ा जहां 29.4 प्रतिशत था वहीं अब यह घटकर 25.1 फीसदी हो गया है लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
बता दें कि 15 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि मुझे गुजरात के युवाओं को कैंसर जैसी बीमारी से बचाना चाहते हैं इसीलिए गुटखे पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है।
सितंबर 2012 में गुजरात में गुटखे की बिक्री, उत्पादन, वितरण और भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इन प्रतिबंधों के बावजूद गुजरात में गुटखा अब भी बेचा जा रहा है।