गांव में शिक्षक ने नहीं आने दी छात्रों की पढ़ाई में रुकावट, ऑनलाइन माध्यमों से करा रहे अध्ययन

By भाषा | Published: January 8, 2021 04:51 PM2021-01-08T16:51:14+5:302021-01-08T16:51:14+5:30

The teacher did not allow the students in the village to stop their studies, conducting studies through online mediums | गांव में शिक्षक ने नहीं आने दी छात्रों की पढ़ाई में रुकावट, ऑनलाइन माध्यमों से करा रहे अध्ययन

गांव में शिक्षक ने नहीं आने दी छात्रों की पढ़ाई में रुकावट, ऑनलाइन माध्यमों से करा रहे अध्ययन

जालना, आठ जनवरी महाराष्ट्र में कोविड-19 के चलते प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल बंद हैं, इसके बावजूद जालना जिले के एक सुदूर गांव में जिला परिषद स्कूल के एक शिक्षक ने ऑनलाइन पढ़ाई के जरिये यह सुनिश्चित किया कि उनके छात्रों की शिक्षा में कोई रुकावट पैदा न हो।

मार्च, 2020 में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद से ऑनलाइन पढ़ाई समय की जरूरत बन गई है, जिसके चलते स्कूलों और शिक्षकों को छात्रों तक पहुंचने के लिये विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

परतूर तहसील के दहिफाल भोगने की एक बस्ती में सरकार द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षक पेंटू मैसनवाड़ के सामने अपने छात्रों को जरूरी उपकरणों और इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने चुनौती थी।

मैसनवाड़ (38) ने कहा, ''हमारे लिये उपकरण खरीदना और उन्हें संचालित करना बहुत मुश्किल था क्योंकि गांव में नेटवर्क की समस्या है। अभिभावकों के टैबलेट तो दूर साधारण फोन खरीदना भी मुश्किल था। मैंने अभिभावकों और स्थानीय निवासियों को समझाया कि समय बर्बाद नहीं किया जा सकता और पढाई में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिये।''

मैसनवाड़ ने कहा कि स्थानीय लोगों का योगदान के लिये शुक्रिया। प्राथमिक विद्यालय (कक्षा एक से चार) के सभी 27 बच्चों के पास अब टैबलेट है। बच्चों को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिये तीन डोंगल लगाए गए हैं। गूगल मीट और वाट्सऐप के जैसे ऐप के जरिये विभिन्न विषयों की कक्षाएं ली जा रही हैं।

मैसनवाड़ अपने सहकर्मी एस यू गायकवाड की मदद से ''नुकुड़'' कक्षाएं लगाई हैं और वे गांव में एक मंदिर के परिसर में बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेन्द्र कांबले, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर प्रकाश मानेट समेत विभिन्न अधिकारियों ने गांव का दौरा किया और शिक्षक द्वारा किये गए प्रयासों की सराहना की।

डॉक्टर मानटे ने कहा, ''इससे पहले, मैसनवाड़ मंथा तहसील के जयपुर गांव में जिला परिषद विद्यालय में काम करते थे और वहां भी उन्होंने पढ़ाई-लिखाई के नए तरीकों को इस्तेमाल किया था।

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Web Title: The teacher did not allow the students in the village to stop their studies, conducting studies through online mediums

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